वही कामधेनु जो समुद्र मंथन से निकली जिसकी लोग पूजा करते थे,
जिसके गृह निवास मात्र से घर पवित्र व शुद्ध हो जाता था।
जिसका दूध अत्यंत स्वास्थ्य रहित और अमृत था जिसे देवी देवता पूजते थे।
MP BREAKING : शिवराज के राज में जानवर बना इंसान, एमपी में दूसरा पेशाब कांड
जिसकी पुंछ को छूने मात्र से स्वर्ग की प्राप्ति होती थी हां मैं वही कामधेनु हूं जो स्वर्ग लोक में निवासरत थी,
हमें विश्वामित्र जी मनुष्य कल्याण के लिए इस धरा पर लाए हम इस धरा पर आए जन कल्याण के लिए और
अब मैं खुद व्यथित हूं अपनी दुर्दशा किसे बताऊं मेरी दुर्दशा के जिम्मेदार और कोई नहीं वही इंसान हैं।
जिनको मैं कल्याण का आशीर्वाद देती हूं वही मेरी पतन का कारण है,
पहले घर में मेरी पूजा होती थी मेरे गोबर और गोमूत्र को घर के शुद्धिकरण के लिए प्रयोग किया जाता था।
अब मैं खुद अशुद्ध हो गई लोग मेरे दूध तो पीते हैं लेकिन मुझे घर में नहीं रखना चाहते।
सुबह शाम दूध का दोहन तो करते हैं लेकिन मुझे मरने के लिए आवारा छोड़ देते हैं,
क्योंकि मेरे लिए ना तो इंसानों के मन में जगह बची और ना घरों में मैं अपना पूरा समय सड़कों पर व्यतीत करती हूं।
कोई भी वाहन आता है हमें कुचल कर चला जाता है मेरी दुर्दशा कोई देखने वाला नहीं है,
सरकार भी हमारे लिए गौशाला बनवाती है लेकिन उसमें हम नहीं रह सकते क्योंकि
मेरे रहने से गौशाला संरक्षक की आमदनी कैसे बचेगा अगर हमें गौशाला में रख देंगे,
तो मेरे लिए खाने पीने की व्यवस्था के लिए खर्चा करना पडेगा इसलिए गौशाला में गाये नहीं रह सकती
नाम मेरा लेकिन कमाई का जरिया किसी और का गौशाला का स्वामी सिर्फ अपनी जेब भरता है।
मेरे नाम से शासन भी कागजी कार्यवाही करके अनदेखा कर देती है,
कोई इन वहसियो पर दंडात्मक कार्यवाही नहीं होती क्या मैं इतनी बोझ हो गई हूं
अगर मैं कहीं ठोकर से मर जाऊं तो मेरे ऊपर राजनीति करने हजारों की संख्या में टूट पड़ेंगे,
लेकिन मेरी मृत्यु के जिम्मेदार कौन है उन पर कोई कार्यवाही नहीं और
मैं सड़क में घूमती फिरती हूं मारी मारी तब कोई देखने वाला नहीं है।
देख तेरे संसार की हालत क्या हो गई भगवान कितना बदल गया इंसान !
हां मै गाय हू…!
इंसान अब तो अपनी दशा और दुर्दशा दोनों की मै स्वयं साक्षी हू !