गुढ़: एशिया का सबसे बड़ा सोलर पॉवर प्लांट जिससे 750 मेगावाट विद्युत का उत्पादन होता है।
उसकी सुरक्षा पर सवालिया निशान लगे हुए है।
सुरक्षा की ज़िम्मेदारी लेने वाली प्राइवेट कंपनी सुरक्षाकर्मियों का शोषण करती है।
इसलिए ये सोलर प्लांट की सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं रहते।
आये दिन सोलर पॉवर प्लांट की केबिलें कट रही है।
गुढ़ बदवार पहाड़ में स्थापित सोलर पॉवर प्लांट से उत्पन्न होने वाली बिजली से दिल्ली की मेट्रो ट्रेन चल रही है।
सोलर पॉवर प्लांट के अंदर चोर प्रवेश कर केबल काट लेते है।
केबल के अंदर ताँबे का तार रहता है, जिसे गला कर व्यापारियों को बेचा जाता है।
अभी पिछले दिनों एथेना में केबिल काटी गई सबसे ज़्यादा चोरी एथेना में हो रही है।
यहाँ पर 35 सुरक्षा गार्ड तैनात है। जबकि 3 सुपरवाइजर है।
ड्यूटी ओवर टाइम करवाई जाती है
श्रम अधिनियम के तहत किसी कुशल एवं अकुशल श्रमिक से 8 घंटे ही ड्यूटी ली जा सकती है।
अगर उससे ओवर ड्यूटी करायी जाती है तो ओवर टाइम दिये जाने का प्रावधान है।
8 घंटे की ड्यूटी में 1 घंटे का लंच भी शामिल रहता है,
सुरक्षा का ठेका लेने वाली एजेंसी तीनों कंपनियों से एक गार्ड पर 13000 रुपए से ज़्यादा प्रतिमाह ले रही है।
यह राशि 8 घंटे की ड्यूटी के लिए है जबकि यहाँ पर केवल 2 शिफ्ट ड्यूटी चलती है।
यह ड्यूटी सुरक्षाकर्मियों के लिए 12-12 घंटों के लिए होती है।
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इन सुरक्षाकर्मियों को 4 घंटे का ओवरटाइम दिया जाना चाहिए।
लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है और उन्हें पैसा नहीं दिया जा रहा है।
इसीलिए सुरक्षाकर्मी मन लगा कर ड्यूटी नहीं करते रात में उन्हें कम संख्या में होने के कारण उन्हें ख़ुद ख़तरा रहता है।
इनके ऊपर कई बार जानलेवा हमला हो चुका है सुरक्षा एजेंसी की लापरवाही से चोरी हो रही है।
पुलिस भी सुरक्षा एजेंसी मैनेज करने में असमर्थ है,
सुरक्षा को ले कर तत्कालीन एसपी नवनीत भसीन एजेंसी एवं प्लांट प्रबंधन को चेतावनी भी दे चुके थे
कि अब अगर प्लांट में चोरी हुई तो सबके ऊपर कार्रवाई की जाएगी।
बदवार के रहने वाले बृजभान पटेल ने बताया कि प्लांट वाले जानबूझकर चोरी करवाते हैं ताकि ऊपर से पैसा आता रहें।
लेबर इंस्पेक्टर को दी गई गलत जानकारी
अभी हाल ही में लेबर इंस्पेक्टर द्वारा प्लांट में काम करने वाले कर्मचारियों से
उनकी वास्तविक जानकारी जानने आए थे।
लेकिन प्लांट में काम करने वाले एम्पलाइज अपनी समस्या बताने में असमर्थ रहें।
उसका कारण यह था कि प्लांट के अधिकारियों और
सुरक्षा एजेंसियों द्वारा कर्मचारियों को पहले ही धमकी दे दी गई थी कि
अगर किसी ने प्लांट के अंदर की जानकारी लेबर स्पेक्टर को बताया तो उन्हें तत्काल प्लांट से बाहर कर दिया जाएगा।