सतना। जिले की अमरपाटन तहसील के खजुरी कोठार निवासी अरिजीत पिता स्व. अवनि कुमार चटर्जी द्वारा कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर
मौजा खजुरी कोठार की असिजीत चटर्जी के स्वत्व एवं अधिपत्य की आराजी 92/2 रकवा 0.470 हेक्टेयर भूमि हड़पने के प्रकरण को संज्ञान में लेते हुए
उपखंड अधिकारी उपखंड (एसडीएम) अमरपाटन ने दिनांक 6/4/23 को जारी अपने आदेश के परिपालन में नायब तहसीलदार
अमरपाटन को आवेदक अरिजीत चटर्जी के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध करने के निर्देश दिए हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार खजुरी कोठार निवासी आवेदक अरिजीत चटर्जी द्वारा उपखंड अधिकारी उपखंड
अमरपाटन के समक्ष मौजा खजुरी कोठार की असिजीत चटर्जी के स्वत्व एवं अधिपत्य की आराजी 92/2 रकवा 0.470 हेक्टेयर में
अपना नाम बतौर सहभूमिस्वामी अभिलिखित कराए जाने का आवेदन प्रस्तुत किया गया।
प्रकरण में नायब तहसीलदार वृत्त ताला से जांच प्रतिवेदन लिया गया।
नायब तहसीलदार ने अपने जांच प्रतिवेदन में लेख किया कि प्रश्नाधीन अर्जी के अंश भाग के आधे भाग पर कब्जा दखल इत्यादि आवेदक अरिजीत पिता अवनि चटर्जी है।
उक्त भूमि मुताबिक संलग्न पंजी की छायाप्रति में भूस्वामी के वारिसाने से प्राप्त हुई है।
MADHYA PRADESH NEWS : क्या विंध्य प्रदेश में सलामत रहेगा भाजपा का दबदबा ? जाने पूरी खबर
जबकि संलग्न सजरे के मुताबिक भूमिस्वामी दो भाई अरिजीत-असिजीत पिता अवनि कुमार एवं स्वप्ना बेवा अवनि कुमार का नाम सजरे की छाया प्रति में है।
वर्तमान खसरा अनुसार एक ही वारिस का नाम उक्त 92/2 आराजी में दर्ज है।
वर्ष 1993-94 से वर्ष 2011-12 तक हस्तलिखित खसरे की छाया प्रति भी प्रकरण में संलग्न है।
मुताबिक सजरा एवं अन्य संलग्न दस्तावेजों के अनुसार सही वारिसगणों का नाम जोड़ा जाना उचित प्रतीत होता है।
प्रकरण में संलग्न नायब तहसीलदार के जांच प्रतिवेदन एवं दस्तावेजों का अवलोकन किया गया।
नायब तहसीलदार द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन से स्पष्ट है कि आवेदक द्वारा प्रस्तुत अभिलेखों की बिना गहन जांच किए
छाया प्रति के आधार पर ही आवेदक अरिजीत चटर्जी का नाम जोड़े जाने की अनुशंसा की गई है।
जबकि मूल अभिलेखों के अवलोकन से स्पष्ट है कि आवेदक द्वारा कूटरचित दस्तावेज तथ्य प्रस्तुत किया गया है।
मूल अभिलेखों में सिर्फ असिजीत चटर्जीका नाम है, अरिजीत चटर्जी का नहीं।
प्रकरण इसी स्तर पर निरस्त किया जाता है और आवेदक के विरुद्ध इस न्यायालय के समक्ष कूटरचित दस्तावेज
प्रस्तुत करने के अपराध को संज्ञान में लेते हुए नायब तहसीलदार को आवेदक अरिजीत चटर्जी के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध करने का निर्देश दिया जाता है।
साथ ही नायब तहसीलदार एवं पटवारी को उनकी लापरवाही के लिए कारण बताओ नोटिस जारी करने हेतु भी निर्देशित किया गया।