अधिकांश राज्यों में 12वीं का रिजल्ट आ चुका है और कुछ दिनों में कॉलेज एडमिशन्स शुरू होंगे। ऐसे में स्टूडेंट्स कॉलेज चुनने की प्रक्रिया में व्यस्त हैं। नीट के बाद सीयूईटी यूजी दूसरा सबसे बड़ा एंट्रेंस एग्जाम है जिसके जरिये विभिन्न सेंट्रल स्टेट व डीम्ड यूनिवर्सिटीज में दाखिला मिलता है। इस साल 14 लाख स्टूडेंट्स ने रजिस्ट्रेशन करवाया। लगभग 257 यूनिवर्सिटीज सीयूईटी यूजी स्कोर के आधार पर एडमिशन देंगी।
इनमें डीयू, जेएनयू, बीएचयू, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी सहित कई बड़ी यूनिवर्सिटीज शामिल हैं। ऐसे में अब स्टूडेंट्स के पास कॉलेज के कई विकल्प हैं। इतने विकल्पों में से सही यूनिवर्सिटी कैसे चुनें, यह एक बड़ा सवाल है। इसके लिए जो कोर्स आप चुनना चाहते हैं और जिस शहर में पढ़ाई करना चाहते हैं उस हिसाब से टॉप कॉलेजेस की लिस्ट बनाएं। उन कॉलेजेस की पूरी जानकारी जुटाएं।
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अपनी स्ट्रीम को ध्यान में रखकर कॉलेज का चुनाव करें। उदाहरण के तौर पर अगर आप साइंस स्टूडेंट हैं और आपको बायोटेक्नोलॉजी पढ़नी है तो सिर्फ टॉप रैंकिंग में यूनिवर्सिटी के स्थान पर ध्यान देने के साथ यह भी देखें कि वहां कौनसे कोर्सेज पढ़ाए जाते हैं और उनका प्लेसमेंट कैसा है।
जैसे बायोटेक्नोलॉजी विषय के लिए जामिया मिलिया इस्लामिया और चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी काफी चर्चित हैं ऐसे में इन पर विचार किया जा सकता है। अगर आप कॉलेज चुन रहे हैं तो इन बातों का ध्यान रखें।
इंफ्रास्ट्रक्चर के अलावा रहने की जगह से कॉलेज की दूरी भी देखें, एफिलिएशन भी चेक करें। उदाहरण के तौर पर अगर आपको लॉ में ग्रेजुएशन करना है तो बार काउंसिल ऑफ इंडिया की वेबसाइट चेक करें। लॉ कॉलेज इससे एफिलिएटेड होने चाहिए। साथ ही कॉलेज का इंफ्रास्ट्रक्चर भी देखें।
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उदाहरण के तौर पर आईआईटी बॉम्बे और एम्स दिल्ली अपने बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए जाने जाते हैं। इसके अलावा आपकी यूनिवर्सिटी कहां स्थित है ये भी देखें। कुछ यूनिवर्सिटीज शहर में बाहरी जगहों पर स्थित होती हैं जहां स्टूडेंट्स के लिए यातायात एक चुनौती बन जाता है। इसलिए घर या रहने की जगह से कॉलेज की दूरी भी देखें।
विदेशी संस्थान के साथ टाई-अप के बारे में जानें
यूनिवर्सिटी के पुराने प्लेसमेंट रिकॉर्ड देखें इससे आपको कॉलेज का प्लेसमेंट ट्रेंड समझ आएगा। उदाहरण के तौर पर वीआईटी वेल्लोर, आईआईएम, बिट्स पिलानी ऐसी संस्थानों में शामिल हैं जहां स्टूडेंट्स को ज्यादा पैकेज मिलता है। वहीं ऐसे कई भारतीय संस्थान हैं जिनका विदेशी यूनिवर्सिटीज के साथ टाईअप है। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस ने 120 विदेशी संस्थानों के साथ एमओयू साइन कर रखा है। इसके तहत स्टूडेंट्स को कई तरह की सुविधाएँ मिलती हैं।
यह भी देखें कि रिसर्च और इनोवेशन के क्षेत्र में यूनिवर्सिटी का प्रदर्शन कैसा है। इसके अलावा फैकल्टी कॉलेज का एक अहम हिस्सा होती है। अगर फैकल्टी का एजुकेशन बैकग्राउंड व अनुभव अच्छा है तो इससे कॉलेज की प्रतिष्ठा बढ़ती है। ऐसे में आवेदन करने से पहले फैकल्टी का बैकग्राउंड भी चेक करें। उदाहरण के तौर पर दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी अपनी क्वालिफाइड फैकल्टी के लिए जानी जाती है।