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नई दिल्ली | एजेंसी

इलाहाबाद हाईकोर्ट के लखनऊ बेंच ने बुधवार को फिल्म आदिपुरुष के आपत्तिजनक डायलॉग के मामले में लगातार तीसरे दिन सुनवाई की। कोर्ट ने कहा कि जिस रामायण के किरदारों की पूजा की जाती है, उसे एक मजाक की तरह कैसे दिखा दिया गया। ऐसी फिल्म को सेंसर बोर्ड ने पास कैसे कर दिया।

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अगर आप कुरान पर एक छोटी सी डॉक्यूमेंट्री भी बना दें, जिसमें गलत चीजों को दर्शाया गया हो तो आपको पता चल जाएगा कि क्या हो सकता है। आपको कुरान, बाइबिल को भी नहीं छूना चाहिए। मैं ये क्लियर कर दूं कि किसी एक धर्म को भी टच न क्रिए । आप किसी धर्म के बारे में गलत तरह से मत दिखाएं। कोर्ट किसी धर्म को नहीं मानता। कोर्ट सभी लोगों की भावनाओं की कद्र करता है। ये सिर्फ मामले से जुड़ी मौखिक टिप्पणियां हैं। अभी देखना शाम तक ये भी छप जाएगा। फिल्म को पास कर देना एक ब्लंडर है।

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हाई कोर्ट ने कही ये बातें

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा- ‘रामायण’ के कितने किरदार हैं, जिनकी पूजा की जाती है। उनको फिल्म में किस तरह से दिखाया गया है? फिल्म 16 जून को रिलीज हुई थी। अब तक कुछ नहीं हुआ तो तीन दिन में क्या होगा, लेकिन हम फिर भी छुट्टी में इसको सुन रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि वह फिल्म से आहत हुए हैं। कुछ ऐसे लोग भी हैं जो फिल्म पूरी नहीं देख पाए हैं। जो लोग भगवान राम, लक्ष्मण, सीता और हनुमान जी को मानते है, वे फिल्म देख ही नहीं पाएंगे।


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