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अमर रिपब्लिक रीवा। विधानसभा चुनाव की व्यस्तता से मुक्त होने के बाद पुलिस के ऊपर लंबित अपराधों को निपटाने का दबाव बढ़ गया है। चुनाव की वजह से पिछले दो माह पुलिस में पुलिस ठीक ढंग से लंबित प्रकरणों के निराकरण पर काम नहीं कर पाई है। जिसके कारण इनकी संख्या काफी बढ़ गई है।

साल समाप्त होने के पहले पुलिस को सभी लंबित प्रकरणों का निपटारा करना है। पुलिस विभाग के पास काफी संख्या में मामले लंबित हैं। इस वर्ष अभी तक 10 हजार के लगभग अपराध विभिन्न थानों में पंजीबद्ध हुए हैं।

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पुलिस विभाग में साल भर में दर्ज होने वाले मामलों का निपटारा साल के अंत तक करना होता है, लेकिन इस बार विधानसभा चुनाव की वजह से लंबित प्रकरणों की विवेचना और उनका निराकरण नहीं हो पाया है।

हालांकि चुनाव को देखते हुए विवेचकों ने कई मामलों का पहले ही निराकरण करवा लिया था, लेकिन अभी भी काफी संख्या में मामले पेंडिंग हैं। करीब तीन हजार के लगभग अपराध विभिन्न थानों में है, जिनका निराकरण करते हुए पुलिस को चालान न्यायालय में पेश करना है।

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चुनाव से निपटने के बाद अब पुलिस विभाग लंबित प्रकरणों का निराकरण करने में जुट गया है। थानों में दर्ज मामलों में पांच से दस प्रतिशत तक पेंडिंग मामले सामान्य माने जाते हैं। यदि इससे अधिक मामले पेंडिंग होते हैं तो उसमें विवेचक और थाना प्रभारी की लापरवाही मानी जाती है। सूत्रों ने बताया कि सभी थानों की पुलिस लंबित प्रकरणों का समाधान करने के अभियान में जुट गए हैं, हरहाल में 31 दिसंबर तक निपटारे की प्रक्रिया को पूरा करने का दबाव पुलिस विभाग पर बना हुआ है।

अक्सर यह मामले रह जाते हैं थानों में लंबित

पुलिस थानों में दर्ज होने वाले कुछ ऐसे मामले होते हैं जिनके लंबित रह जाने की संभावना ज्यादा रहती है। इनमें सबसे अधिक 363 के मामले होते हैं, जिनमें कई बार अपहृत नाबालिगों का पता नहीं चल पाता है और ये मामले लंबित रह जाते हैं। इसके अतिरिक्त धोखाधड़ी की जांच पूरी नहीं हो पाती है।

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वहीं अन्य मामलों में पुलिस खात्मा लगाकर जांच बंद कर देती है और बाद में आवश्यकता पड़ने पर पुनः उसकी जांच खोल देती है। पिछले दो माह के पांच सैकड़ा के लगभग अपराध लंबित हैं। अक्टूबर और नवंबर माह में थानों की पुलिस चुनाव ड्यूटी में व्यस्त रही और चुनाव की वजह से पुलिस दर्ज होने वाले मामलों की जांच नहीं कर पाई।

कई घटनाओं में तो पुलिस आज तक स्पाट का निरीक्षण तक नहीं कर पाई है। दो महीने के लंबित मामलों की वजह से पेंडिंग प्रकरणों में इजाफा हुआ है।

इनका कहना है

विधानसभा चुनाव की वजह से थानों में लंबित मामलों की संख्या बढ़ गई है। चुनाव ड्यूटी से पुलिस अमला वापस लौट आया है और अब पूरा जोर लंबित अपराधों को निपटाने में दिया जा रहा है। पुलिस अधीक्षक ने बैठक में सभी थाना प्रभारियों को लंबित मामलों का समाधान करने के निर्देश दिए हैं।

अनिल सोनकर, एडिशनल एसपी रीवा

Rajeev dwivedi, Amar republic 


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