मऊगंज। बहुप्रतीक्षित मऊगंज को जिला बनाया गया यह आमजन व समग्र विकास के लिए सुखद खबर
किंतु मूलभूत सुविधाओं व्यवस्थाओ से वंचित यह क्षेत्र विकास की एक पायदान भी नहीं चल पाया।
ऐसे कई कार्यालय हैं जहां अव्यवस्थाओं के चलते कर्मचारी समय पर सेवा नहीं दे पाते एवं
जनमानस को मिलने वाली सरकारी सुविधाएं समय पर नहीं पहुंच पाती।
वहीं दूसरी तरफ जनप्रतिनिधियों का शिकार अक्सर कर्मचारी होते हैं,
चाहे मामला देवतालाब का हो या फिर मऊगंज का,
ज्यादातर बड़े अधिकारी व जनप्रतिनिधि अपनी साख और
कुर्सी बचाने के चक्कर में निचले स्तर के कर्मचारियों पर व्यवस्था के नाम पर अपनी भड़ास निकालते हैं।
दुर्घटना चाहे प्राकृतिक हो या अप्राकृतिक छोटे कर्मचारी अपनी खुद की नौकरी बचाए या
फिर सस्पेंशन के अलावा स्थानांतरण का तोहफा स्वीकार करें।
असुविधाएं अनंत
बिजली विभाग मऊगंज में सैकड़ों वर्ष पुरानी कार्यालय है,
जहां दरकती दीवारें टूटी छत जिससे बरसात क्या गर्मी में भी काम करना मुश्किल है।
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कर्मचारियों के पास सरकारी संसाधन ना के बराबर है,
वहीं बिजली व्यवस्था में 15 वर्ष पुरानी केविल को जोड़ तगोड कर कर्मचारी उपभोक्ताओं को सेवा दे रहे हैं।
जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों व शासन द्वारा विभागीय व्यवस्था पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा,
घटनाओं और प्राकृतिक आपदाओं में इन्हीं कर्मचारियों को बलि का बकरा बनाया जाता है।
कार्यालय में कार्यरत कर्मचारियों को आवास वाहन आधुनिक उपकरण दस्ताने बूट लाइट,
इन सब की सुविधाएं उपलब्ध नहीं है,
इसके बावजूद जान जोखिम में डालकर सरकारी फरमानो का पालन करते हुए जन सेवा कर रहे हैं।