सिविल स्वास्थ्य विभाग मऊगंज में कई वर्षों से स्थानीय कर्मचारियों की भ्रष्ट व्यवस्था का शिकार
स्वास्थ्य विभाग हो रहा है, स्थानीय कर्मचारियों की पकड़ जिला अधिकारियों तक इतनी है कि
इनका बड़े-बड़े नेता भी कुछ नहीं कर सकते स्थानांतरण नीति भी लागू नहीं होती।
भ्रष्टाचार व भ्रष्ट व्यवस्था सिविल स्वास्थ्य विभाग के लिए आम बात हो गई है।
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इससे पहले भी कोविड काल के समय रात में कार्यरत फर्जी डॉक्टर पकड़े गए थे।
ओरिजिनल डॉक्टर घर में आराम कर रहे थे इसी तरह का मामला वर्तमान समय में चल रहा है,
जहां ग्रामीण स्तर में काम करने वाले सुपरवाइजर लेखापाल का काम कर रहे हैं, गार्ड स्टोर देख रहे हैं,
वार्ड बॉय ड्रेसर बने हुए हैं और तो और बिना किसी एनजीओ या किसी संस्था के आदेश बिना
निजी व्यक्ति द्वारा रसोईया चलाई जा रही कुपोषित बच्चों के लिए अलग एवं
भर्ती मरीजों के लिए अलग रोसोइया होने का प्रावधान है किंतु यहां बिना किसी आदेश के बीएमओ द्वारा
निजी लाभ के लिए निजी व्यक्ति से पोषण आहार एवं रसोईया का काम दिया गया है।
सुपरवाइजर बने लेखापाल
मऊगंज सिविल स्वास्थ्य विभाग में लगभग पांच वर्ष से दो लेखपालों की नियुक्ति है।
इन लेखापालों की पहचान ज्यादातर विभाग के कर्मचारी भी नहीं कर पाएंगे।
दोनों लेखापाल की नियुक्ति अलग-अलग कार्य करने एनआरएचएम एवं
स्वास्थ्य विभाग का लेखा-जोखा करने लेखापाल की नियुक्ति है।
एक लेखापाल अरुण सिंह निवासी सीधी दूसरे देवतालाब के हैं,
इनकी नियुक्ति लगभग पांच वर्षों से है किंतु इनका काम सुपरवाइजर रमा तिवारी द्वारा किया जा रहा है।
अपने कर्तव्य व दायित्वों को भूल कर लेखापाल का काम कर रहे हैं,
इनके द्वारा पूरे स्वास्थ्य विभाग का मानेजमेंट व देखरेख किया जाता हैं।
इन्हीं के मन मुताबिक बिल बाउचर तैयार किए जाते हैं,
जबकि इनका काम ग्रामीण स्तर में मौसमी बीमारी खानपान पौष्टिक आहार टीकाकरण एवं
अन्य देखरेख के लिए है किंतु लंबी पहुंच के कारण सुपरवाइजर से बने लेखापाल है।
नियुक्त दोनों लेखापाल 40 से 70 हजार तक का वेतन उठा कर घर में आराम कर रहे हैं,
अपने वेतन का कुछ हिस्सा सुपरवाइजर से बने लेखापाल को दे कर बिल बाउचर तैयार करवा लेते हैं।
वही सुपरवाइजर बनाम लेखापाल की कमाई चारों तरफ से हो रही है।
ये सुपरवाइजर सुपरमैन की तरह कार्यालय में बैठकर पूरे सिविल स्वास्थ्य विभाग का मनचाहा बिल बाउचर तैयार कर
सरकारी खजाने को अनैतिक रूप से लूट रहे हैं पूरे विभाग में अनैतिक रूप से काम कर रहे,
कर्मचारी पूरी खुली छूट के साथ भ्रष्टाचार को अंजाम देकर मरीजों के साथ खिलवाड़ एवं
सरकार को गुमराह कर अपनी तिजोरी भरने में लगे हैं।
राजीव द्विवेदी, अमर रिपब्लिक