मऊगंज। मप्र विधानसभा के चुनाव कुछ ही महीनों में होने हैं। नेताओं में अभी से इलेक्शन फ्लू हो गया है।
कोई चुनावी जुमले पर जुमला दिए जा रहा है तो कोई चुनावी भक्त बन बैठे हैं।
ऐसे में सवाल यह है कि प्रदेश में ऐसे लोगों पर क्या आम आदमी पार्टी अपना झाड़ू फेर पाएगी ?
किसी न किसी राजनीतिक दलों से जुड़े लोगों का जवाब भी मालूम है। वे नही में ही उत्तर देंगे।
लेकिन हम यहां पर आम लोगों की बात करने जा रहे है।
रीवा जिले की तहसील मऊगंज जो 15 अगस्त को जिला बनने जा रहा है,
वहां का समीकरण कुछ और संकेत दे रहा है।
वर्तमान विधायक भाजपा से है जो जिला बनने को भुनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं,
लेकिन हकीकत उससे परे है। दरअसल, मऊगंज की जनता उन्हे किसी भी हालत में स्वीकार नहीं कर पा रही है।
उनका भद्दा कार्यकाल और बाहरी होना बड़ा कारण है।
वही कांग्रेस के पूर्व विधायक की भी सक्रियता काफी बढ़ी हुई है,
लेकिन सिर्फ एक ही वर्ग के इर्द गिर्द उनकी राजनीति सीमित नजर आ रही है।
जिससे उच्च वर्ग के लोगों ने दूरी बना रखी है। अब बात करते है तीसरे राजनीतिक दल आम आदमी पार्टी की।
मऊगंज विधानसभा में आप पार्टी की बागडोर युवा नेता पंडित उमेश त्रिपाठी ने थाम रखी है।
वे पिछले 11 महीने से क्षेत्र में काफी सक्रिय तो है ही,
साथ में हर आम लोगों की खुशी और गम में उनके साथ खड़े नजर आ रहे है।
यही कारण है की उनके एक काल पर हजारों की भीड़ एकत्रित हो जाती है।
8 अगस्त को भी इसी तरह कुछ नजारा देखने को मिला।
पार्टी के प्रदेश प्रभारी के मऊगंज आगवन की जानकारी मिलते ही उन्होंने कार्यकर्ताओं को जानकारी दी।
परिणाम यह रहा कि जिस मैरिज गार्डन में उन्होंने कार्यक्रम रखा था, वह छोटा पड़ गया।
फिर भी लोग खड़े होकर प्रदेश प्रभारी को सुनते रहे।
उसके बाद निकली गई परिवर्तन यात्रा से शहर में घंटों जाम की स्थिति बनी रही।
जबकि चुनाव अभी तीन चार माह बाद है।
अब तो लोगो की जुबां पर आम आदमी पार्टी का नाम आने लगा है।
सत्तारूढ़ पार्टी का चुनावी जुमला और विपक्ष का चुनावी भक्त बनने की नौटंकी,
मऊगंज विधानसभा में फिलहाल बेहद तरीके से पिटती नजर आने लगी है।
चर्चा तो अब यह होने लगी है कि इस बार के विधानसभा चुनाव में
आम आदमी पार्टी मऊगंज में परंपरागत पार्टियों पर झाड़ू फेरती नजर आएगी।