मऊगंज मे स्थित यूनियन बैंक जो आजकल दलालों का अड्डा बन गया है,
कोई भी व्यक्ति बिना दलाल की इजाजत के बैंक अधिकारी से नहीं मिल सकता।
अब आपको बता देते है कि बैंक एक ऐसी जगह होती है जहां,
लोग अपने खून पसीने की कमाई को इसलिए जमा करते है कि कल को कोई जरूरत पड़ जाए तो
उनकी जमा राशि उनके काम आ सके
लेकिन जब इसके विपरीत लोगों को बैंक में उन्ही की जमा राशि जिसे निकालने के लिए चक्कर काटना पड़े,
और दलाल पीछे पड़ जाए तो इससे बड़ी लोकतंत्र की व्यथा क्या हो सकती है ?
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इन दिनों मऊगंज के यूनियन बैंक में यही हालत विद्यमान है।
जहां लोगों को अपने ही बैंक अकाउंट के बारे में जानकारी लेने और
रुपये निकालने के लिए भटकना पड़ रहा है।
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बैंक अधिकारी से मिलने के लिए चपरासी के सामने लगानी पड़ती है हाजिरी,
हद तो तब हो जाती है जब अधिकारी ग्राहकों को यह कहकर फटकार देते हैं कि
जाओ पहले चपरासी से मिलकर आओ।
अब चपरासी से मिलने का मतलब उन अधिकारी का क्या है यह तो वही बता सकते हैं ?
पर हां कुछ लोगों ने दबी जुबान पर जरूर यह बताया कि
लोगों को परेशान करके रुपए ऐठने का यह एक धंधा चल रहा है।
निरंकुश बैंक शाखा प्रबंधक की मनमानी चरम पर
जब से यूनियन बैंक शाखा मऊगंज में शाखा प्रबंधक के तौर पर कुमार सुमन की पदस्थापना हुई है,
तब से बैंक आने वाले लोगो का हाल बेहाल हो चुका है,
आलम यह है कि शाखा प्रबंधक खुलेआम यह कहते नजर आते हैं कि मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता,
आपको जहां शिकायत करनी है आप कर सकते हो।
जनता के खून पसीने की कमाई से तनख्वाह पाने वाला सरकारी अधिकारी,
यह कहने लगें तो कर्मचारियों की क्या बिसात, अब भोली भाली जनता जाए तो आखिर जाए कहां ?
यूनियन बैंक मऊगंज में दलालों का है बोलबाला
शाखा प्रबंधक के केबिन का यदि सीसीटीवी कैमरे का फुटेज निकालकर देखा जाए तो
यह पता चल जाएगा कि उनके पदभार ग्रहण करते ही मऊगंज शाखा में दलालों का बोलबाला हो गया है।
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सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आरोप है कि
यूनियन बैंक शाखा मऊगंज में एकाउंट खुलवाने के लिए फार्म का भी पैसा देना पड़ता है,
क्योंकि यह फॉर्म बैंक के अंदर चाहे उपलब्ध न हो परंतु
बैंक के बाहर आसानी से रुपए देकर उपलब्ध हो जाता है,
बैंक का पूरा मामला अब जांच का विषय बन गया है।