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भोपाल। मध्यप्रदेश

विधायकों के स्वेच्छानुदान में वृद्धि के प्रस्ताव को मिली मंजूरी, अब 50 लाख के बजाए मिलेंगे 75 लाख रुपये

विधायकों की स्वेच्छा अनुदान राशि में बढ़ोतरी के लिए सरकार प्रथम अनुपूरक बजट में 57.75 करोड़ रुपये का प्रावधान करेगी

प्रदेश में अब विधायकों को 75 लाख रुपये वार्षिक स्वेच्छानुदान मिलेगा।

इसके लिए सरकार ने विधायक स्वेच्छानुदान योजना के राशि में 25 लाख रुपये की बढ़ोतरी का निर्णय लिया है।

10 जुलाई से होने वाले विधानसभा के मानसून सत्र में पेश होने वाले प्रथम अनुपूरक बजट में इसके लिए 57.75 करोड़ रुपये का प्रावधान किया जाएगा।

बता दें कि अभी विधायकों को 50 लाख रुपये स्वेच्छानुदान मिलता है।

विधायक लंबे समय से स्वेच्छानुदान बढ़ाने की मांग कर रहे थे।

इसे देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बजट सत्र के दौरान सदन में 25 लाख रुपये स्वेच्छानुदान बढ़ाने की घोषणा की थी।

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कैबिनेट की मिली मंजूरी

स्वेच्छानुदान में वृद्धि की मुख्यमंत्री की घोषणा के आधार पर,

योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग ने स्वेच्छानुदान एक प्रस्ताव कैबिनेट भेजा था।

प्रस्ताव को कैबिनेट में प्रस्तुत किया गया, जहां इसे स्वीकृति मिल गई है।

अब वित्तीय प्रबंध करके राशि जारी कर दी जाएगी।

विभागीय अधिकारियों का कहना है कि विधायकों की मांग पर,

वर्ष 2023-24 के लिए एक बार में ही निर्वाचन क्षेत्र विकास निधि ढाई करोड़ और 50 लाख रुपये स्वेच्छानुदान निधि जारी की जा चुकी है।

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क्या है लाभ?

इस राशि से विधायक गरीब व अनाथ लड़कियों को विवाह, दुर्घटना में मृत या घायल व्यक्ति के स्वजन को आर्थिक सहायता दे सकते हैं।

एक बार में अधिकतम 10 हजार रुपये ही दिए जा सकते हैं।

इस राशि को बढ़ाकर 20 हजार रुपये करने पर भी वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा की अध्यक्षता वाली विधायकों की समिति में सहमति बन चुकी है।

लेकिन राजनीतिक और धार्मिक स्वरूप की संस्थाओं को स्वेच्छानुदान नहीं दिया जा सकता है।

विधायकों को स्वेच्छानुदान वर्ष 2007-08 से मिलना प्रारंभ हुआ।

तब प्रतिवर्ष तीन लाख रुपये का प्रावधान किया गया था।

इसे 2011-12 में बढ़ाकर आठ लाख और वर्ष 2016 में 15 लाख रुपये किया गया।

वर्ष 2021-22 में स्वेच्छानुदान निधि 50 लाख रुपये की गई।


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