गायिका नेहा सिंह राठौर ने पहले तो मध्यप्रदेश में दर्ज एफआईआर पर अपना पक्ष रखा और
उसके बाद अब ‘एमपी में का बा- पार्ट वन’ गीत सामने लेकर आई हैं।
बता दें नेहा सिंह राठौर को ‘ यूपी में का बा ‘ गीत गाने पर पुलिस का नोटिस मिल चुका है।
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हाल के दिनों में मध्य प्रदेश के सीधी जिले में भाजपा नेता ने आदिवासी व्यक्ति के सिर पर पेशाब की।
इस घटना की आलोचना करने पर नेहा सिंह राठौर के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी।
यह शिकायत भाजपा के अनुसूचित जाति मोर्चा के मीडिया प्रभारी सूरज खरे ने की थी।
एमपी में का बा…गीत में ये लिखा
‘नए गीत ‘एमपी में का बा’ में नेहा सिंह राठौर ने कहा है कि ‘ मामा के सरकार बा.. घोटाला के भरमार बा…
एगो-दू गो नाहीं भइया सैकड़ों हजार बा… एमपी में का बा…. भाजपा के नेतवा त झाड़त रुआब बा….
आदिवासी के कपार पर करत पेशा बा…. एमपी में का बा.. एमबी के बाबा के करतूत निराला बा…
पटवारी, पेंशन, व्यापम घोटाला बा… भांजा बेरोजगार बा… नौकरी के इंतजार बा…
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16 साल से सड़क पर बैठल एमपी के होनहार बा… एमपी में का बा…. लाडली बहना शिक्षा मांगे,
मांगे रोजगार बा…. बाकि एक हजार के कौड़ी बांटत मामा के परिवार बा… करजा में सरकार बा….
बढ़ल भ्रष्टाचार बा, आदिवासी के सिर पर लटकल मामा के तलवार बा…. एमपी में का बा……’
एफआईआर हो या जेल, मैं गीत नहीं छोड़ूंगी
बता दें नेहा सिंह राठौर ने इस गीत को सामने लाने के पहले लाइव आकर कहा कि उनको लग रहा है कि
एमपी में का बा गीत से सरकार की पोल कहीं न खुल जाए।
मेरा कहना है कि सच बोलने पर नोटिस आती है। सच बोल कर बच कर नहीं निकल सकते।
कहा कि मैं कोई पहली कलाकार नहीं हूं जिसके खिलाफ एफआईआर हो रहा है।
हां मेरे साथ अति हो गया है। वे चाहते हैं कि किसी भी तरह से कोर्ट कचहरी के पचड़े में फंसा दें
ताकि कोई क्रिएटिव काम नहीं कर सकूं। लेकिन मुझे लगता है कि जनता से बड़ा जज कोई नहीं होता।
एफआईआर हो जाए या जेल हो जाए मैं गीत गाना नहीं छोड़ूंगा।
मैं इस समय में जरूरी काम कर रही हूं, जनता जज करेगी कि अच्छा काम है या बुरा।