सतना जिले में आए दिन हमें देखने को मिलता है कि मरीज को रीवा रेफर किया गया।
इस मरीज के साथ ऐसा हो गया लेकिन जिला अस्पताल में उपस्थित डॉक्टर ना तो अपने ड्यूटी टाइम पर हॉस्पिटल पर उपस्थित होते
और ना ही मरीजों को सही इलाज देते डॉक्टरों का तो मेन उद्देश्य बन गया है कि यहां के मरीजों को अपने क्लीनिक बुलवाना एवं
उनसे मोटी रकम लेना लेकिन जिला अस्पताल में आए हुए मरीजों को ना पीने के लिए पानी की उत्तम व्यवस्था,
ना बैठने के लिए व्यवस्था ना पंखे की व्यवस्था ना संचित साफ-सफाई लेकिन,
अस्पताल में लाखों करोड़ों रुपए खर्च किए जा चुके हैं और अस्पताल की व्यवस्था में किसी भी प्रकार का बदलाव नहीं आया।
जिला प्रशासन एवं जिला सरकार द्वारा आए दिन जिला अस्पताल को लेकर विभिन्न प्रकार के दावे पेश किए जाते हैं।
लेकिन इन सब कामों को लेकर यह साबित होता है कि सभी दावे फेल हैं और
मरीजों को समुचित व्यवस्था नहीं मिल पाती आज समग्र प्रदेश की टीम जब जिला अस्पताल गई,
तो देखी को मरीजों के लिए ना पीने की पानी की व्यवस्था थी
ना पंखे की व्यवस्था और मरीज बीमारी से कम अव्यवस्थाओं से ज्यादा परेशान होते हैं।
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देखते हैं की हॉस्पिटल की गैलरी में लोग जमीनों पर लेटे रहते हैं।
मरीज को दिखाने आने वाले व्यक्ति जमीन पर बैठकर भोजन गैलरी को पूरा अतिक्रमण किए हुए हैं और
जिला प्रशासन द्वारा उन मरीज को देखने आने वाले व्यक्तियों की उठने बैठने एवं
गैलरी में समुचित साफ-सफाई की कोई व्यवस्था नहीं की जाती।
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केवल जिला अस्पताल के नाम पर करोड़ों लाखों रुपए आते जाते हैं और
डॉक्टर अपने दलालों से मिलाकर उन मरीजों को प्राइवेट हॉस्पिटल रेफर कर देते हैं और
उनसे लाखों हजारों रुपए दवाई के नाम पर लेते हैं।
आखिर इस सब विषयों का जिम्मेदार कौन इतने वर्षों से जिला प्रशासन द्वारा एवं
जिला सरकार द्वारा अस्पताल पर सुधार क्यों नहीं लाया जा सका।
किस आधार पर अस्पताल का जीवन उद्धार होगा अस्पताल के मरीज एवं अस्पताल यह कहते घूम रहा है
सब का इलाज हो रहा है लेकिन मेरा इलाज कब ‘मैं बड़े दुख में हूं भैया मैं जिला अस्पताल सतना’