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बालाघाट जिले के परसवाड़ा में आयोजित होने वाले धीरेंद्र शास्त्री की कथा को लेकर हाई कोर्ट में दायर की गई थी याचिका।

आदिवासी इलाके में कथा पर रोक लगाने के लिए लगा दी थी याचिका, बहस के दौरान याचिकाकर्ता के वकील जीएस उईके और जज के बीच जमकर हुई नोकझोंक, पंडित धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ याचिका पर बहस कर रहे वकील को हाईकोर्ट ने लगाई फटकार, कहां जरा भी उल्टी-सीधी बहस की तो भेज दूंगा जेल, सारी वकालत खत्म हो जाएगी।

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नोकझोंक के बाद जज ने याचिका को किया खारिज। सर्व आदिवासी समाज के कोषाध्यक्ष हेमलाल धुर्वे ने दायर की थी याचिका, न्यायधीश विवेक अग्रवाल की एकल पीठ ने याचिका को किया खारिज।

याचिका में दी गई ये दलील

याचिका में दलील दी गई थी कि यह क्षेत्र आदिवासी बाहुल्य है. आयोजन से आदिवासियों का हित प्रभावित होगा. यह दलील भी दी गई कि पेसा एक्ट के तहत आयोजन के पहले ग्राम सभा की अनुमति आवश्यक है, जो कि नहीं ली, याचिका में आयोजन के लिए शासन-प्रशासन द्वारा कानून व्यवस्था के इंतेजाम को भी अवैधानिक बताया गया, राज्य शासन की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता जान्हवी पंडित ने दलील दी कि पेसा एक्ट में ग्राम सभा की अनुमति की अनिवार्यता नहीं है।

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याचिका में दलील दी गई थी कि यह क्षेत्र आदिवासी बाहुल्य है, आयोजन से आदिवासियों का हित प्रभावित होगा. यह दलील भी दी गई कि पेसा एक्ट के तहत आयोजन के पहले ग्राम सभा की अनुमति आवश्यक है, जो कि नहीं ली याचिका में आयोजन के लिए शासन-प्रशासन द्वारा कानून व्यवस्था के इंतेजाम को भी अवैधानिक बताया गया राज्य शासन की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता जान्हवी पंडित ने दलील दी कि पेसा एक्ट में ग्राम सभा की अनुमति की अनिवार्यता नहीं है।


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