रीवा : जिले के विधानसभा क्षेत्र देवतालाब 72 में अभी हाल ही में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ब्लाक, मंडलम एवं सेक्टर के पदाधिकारियों के साथ वरिष्ठ नेताओं की बैठक देवतालाब के विवाह घर में लिया।
बैठक में आधे से ज्यादा सेक्टर के अध्यक्ष उपस्थित नहीं रहे। ज्यादातर बैठक में वह लोग सक्रिय रहे जो विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस में रहते हुए कांग्रेस को डुबोने का कार्य किया बल्कि यह कहे कि कांग्रेस के जयचंद की भूमिका निभाई।
2018 और 2013 के विधानसभा विश्लेषण
2023 के विधानसभा चुनाव के विश्लेशण के पूर्व 2013 एवं 2018 के विधानसभा चुनाव पर नजर डालना उचित एवं न्याय संगत होगा। 2018 के चुनाव में कुल 217160 मतदाताओं में 135568 मतदाताओं ने मतदान में हिस्सा लिया यानी 62.43% मतदान देवतालाब में पड़ा, जिसमें भाजपा प्रत्याशी गिरीश गौतम को45043 मत यानी 33.23 %, मिले।
उनके निकटतम प्रतिद्वंदी बीएसपी उम्मीदवार सीमा जयवीर सिंह को 43963 मत यानी 32.4 3% मत मिला,
वहीं कांग्रेस प्रत्याशी विद्यावती पटेल को 30383 मत के साथ 22.41% मतदाताओं ने मतदान किया,
कुल 62.43 % मत देवतालाब में पड़ा।
वही 2013 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी गिरीश गौतम को 36495 मत के साथ 29.9% वोट मिला वहीं बीएसपी प्रत्याशी विद्यावती पटेल को 32610 मत प्राप्त के साथ 26.72 %, कांग्रेस उम्मीदवार उदय प्रकाश मिश्रा 30022 मत पाकर 24.59% वोट प्राप्त किए।
2013 में देवतालाब में कुल197790 मतदाता थे जिसमें 122066 मत के साथ एक 61.71% मतदाताओं ने मताधिकार में हिस्सा लिया।
लगातार बढ़ रहा है गिरीश गौतम का कद
2013 में बीएसपी प्रत्याशी विद्यावती पटेल को कांग्रेस ने 2018 में उम्मीदवार बनाया विद्यावती पटेल का वोट प्रतिशत कांग्रेस के 2013 के मुकाबले मे लगभग 2 %की कटौती हुई। वही गिरीश गौतम भाजपा प्रत्याशी का 2013 के मुकाबले 2018 में लगभग 4 परसेंट बोट की बढ़ोतरी हुई और बीएसपी प्रत्याशी को 2013 के मुकाबले में 2018 में तीन परसेंट के बोट का इजाफा हुआ।
2018 के चुनाव में क्षेत्रीय स्वयंभू नेता कौन कहा पर साधा जुगाड़
कांग्रेस के वोट प्रतिशत में कटौती की जो मुख्य वजह रही उसमें कांग्रेस के कुछ जयचंदो ने कांग्रेस को नुकसान पहुंचाया।सूत्र एवं
C वोटर ओपिनियन से जानकारी लेने के बाद आइए जानते हैं कि कौन-कौन से कांग्रेसी नेता कहां पर अपना जुगाड़ फिक्स कर रहे थे –
1- पूर्व विधायक उदय प्रकाश मिश्रा बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार के पक्ष में काम किए, आसपास के पोलिंगो में कांग्रेस का वोट न के बराबर रहा , और इस बार भी कांग्रेस से टिकट की आस लगाए बैठे हुए हैं,
2- एसएस तिवारी –जो वर्तमान में सेवादल के प्रदेश महामंत्री है और वर्तमान में देवतालाब विधानसभा क्षेत्र के समस्त पंचायतों का भ्रमण कर वर्तमान विधायक गिरीश गौतम की नाकामियों को उजागर कर रहे हैं जबकि पूर्व में भाजपा प्रत्याशी गिरीश गौतम के पक्ष में मतदान कराया ,यहां तक कि कांग्रेस के कार्यालय में औपचारिक रूप से भी कभी चुनाव के दौरान नहीं आए
3- उमाशंकर तिवारी जो पूर्व में जिला कांग्रेस के महामंत्री थे और वर्तमान में भी जिला कांग्रेस रीवा ग्रामीण के महामंत्री हैं इन्होंने भाजपा प्रत्याशी गिरीश गौतम के पक्ष में मतदान कराया
4- पद्मेश गौतम- जो वर्तमान में जिला पंचायत सदस्य हैं और वर्तमान विधायक गिरीश गौतम के धुर विरोधी माने जाते हैं, अब कांग्रेस की टिकट पर विधायक बनने का सपना संजोए बैठे हैं, पद्मेश गौतम पूर्व में भी विधानसभा का टिकट मांग रहे थे और जब टिकट नहीं मिला तो इन्होंने बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी सीमा जयवीर सिंह के पक्ष में मतदान कराया
5- आनंद सिंह- ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष देवतालाव जो पूर्व एवं वर्तमान में ब्लॉक कांग्रेस कमेटी देवतालाब के अध्यक्ष हैं इन्होंने ऊपरी तौर पर तो दिखावटी रूप में कांग्रेस के साथ दिखे लेकिन अंदरूनी तौर पर जातिगत राजनीति के चलते बहुजन समाज पार्टी की प्रत्याशी सीमा जयवीर सिंह के पक्ष में मतदान कराने का पूरा पूरा प्रयास किया और अब 2023 में कांग्रेस से टिकट की दावेदारी प्रस्तुत कर रहे हैं
6- वीर बहादुर सिंह अंकुर- देवतालाब विधानसभा में युवक कांग्रेस के अध्यक्ष और आनंद सिंह जी के होनहार सुपुत्र हैं इन्होंने दिखावटी रूप में कांग्रेस के साथ दिखे लेकिन अंदर से इन्होंने बहुजन समाज पार्टी की प्रत्याशी सीमा जयवीर सिंह के पक्ष में यह कहते हुए मतदान कराया की गिरीश गौतम को बहुजन समाज पार्टी ही हरा सकती है कांग्रेस नहीं हरा रही है इस तरह लोगों को मोटिवेट किया बहुजन समाज पार्टी के पक्ष में मतदान करने को लेकर परोक्ष रूप से पूरी कोशिश की और सफल भी हुए और अब वर्तमान में अपने पिता श्री आनंद सिंह जी के लिए टिकट की पैरवी करते नजर आ रहे हैं
7- संतोश पयासी नईगढ़ी इन्होंने गिरीश गौतम के पक्ष में मतदान कराया जो जिला कांग्रेस कमेटी रीवा ग्रामीण के पदाधिकारी हैं वर्तमान में टिकट की दावेदारी कर रहे हैं
8- वर्तमान जनपद अध्यक्ष नईगढ़ी के पति अगस्त क्रांति मंच के संयोजक कुंजबिहारी तिवारी ने भी गिरीश गौतम के पक्ष में मतदान करया और अब विचारधारा की लड़ाई बताते हुए जगह-जगह विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं हालांकि वह भी कांग्रेस पार्टी से टिकट के उम्मीद लगाए हुए हैं टिकट ना मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़ने की संभावना भी पाई जा रही।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व संगठन से पूर्व के जयचंदो की लिस्ट एकत्रित कर जानकारी ली जा रही है।
आज देवतालाब की परिस्थितियां गिरीश गौतम के पक्ष में मजबूत दिख रही हैं क्योंकि गिरीश गौतम का वोट प्रतिशत लगातार बढ़ रहा है वही कांग्रेस इस मुगालते में है कि वही गिरीश गौतम को हरा सकती है निसंदेह कांग्रेस गिरीश गौतम को हरा सकती है।
लेकिन कांग्रेस में इतने जयचंद्र भरे हुए हैं जिन पर किसी की लगाम नहीं है और वह स्वयंभू नेता है एक को टिकट मिल जाने पर सारे लोग उस कांग्रेस के प्रत्याशी के खिलाफ में खड़े होकर के दूसरे को मतदान कराएंगे ।वही वर्तमान समय में बीएसपी की हालत बहुत खराब है क्योंकि बीएसपी के पास कोई बड़ा चेहरा देवतालाब विधानसभा में नहीं है।
इसका फायदा कांग्रेस प्रत्याशी विद्यावती पटेल को मिल सकता है और उनके साथ ओबीसी और हरिजन आदिवासियों की संख्या इस बार पिछले चुनाव की अपेक्षा पड़ रही है लेकिन गिरीश गौतम को डायरेक्ट कांग्रेस का कोई प्रत्याशी हराने की स्थिति में नहीं है। हलाकि 2023 में जब तक सारे दलो के प्रत्याशियों के उम्मीदवार तय ना हो जाएं तब तक अभी कुछ कहा जाना संभव नहीं है कि कौन किस पर भारी पड़ेगा।
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हाशिए पर कांग्रेस के वफादार
2018 में कांग्रेस पार्टी से टिकट मांगने वाले कांग्रेस के पदाधिकारी जिन्होंने निष्ठा से काम किया वह आज हाशिए पर हैं उन नेताओं में राकेश रतन सिंह ,राम बहादुर शर्मा, नृपेंद्र सिंह पिंटू पूर्व उपाध्यक्ष जनपद पंचायत नईगढ़ी आदि जैसे नेता शामिल हैं जो टिकट न मिलने के बाद भी कांग्रेस ने जिसे टिकट दिया उसका प्रचार प्रसार पूरी निष्ठा से किया लेकिन आज ऐसे नेताओं की पूछ परख खत्म हो गई है।