रीवा। नगर निगम प्रशासन के लिए इन दिनों रीवा के सत्ताधारी नेताओं की सबसे चहेती मॉडल रोड सिरदर्द बनी हुई है।
वजह यहां लगाई गई स्ट्रीट लाइटों के फाल्ट खोज-खोज के अधिकारी परेशान हो रहे हैं।
हालात यह है कि इस रतहरा से चोरहटा तक की मॉडल रोड में 80 प्रतिशत स्ट्रीट लाइटें बंद पड़ी है।
ननि अधिकारी इस सड़क पर हुए गुणवक्ता विहीन कार्य को लेकर परेशान हो रहे हैं।
वजह काम तो किसी और विभाग ने किया
लेकिन फिर इस सड़क की स्ट्रीट लाइटों को नगर निगम को हैंडओवर कर दिया गया।
बता दें कि चोरहटा से लेकर रतहरा तक मॉडल रोड में लगाई गई,
स्ट्रीट लाइटों का काम गुणवक्ताविहीन किया गया है,
इन लाइटों में करोड़ो का बंदरबांट किया गया है।
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लगाने की जिम्मेदारी तो लोक निर्माण विभाग के विद्युत यांत्रिकी विभाग को दे दी गई
लेकिन इसके मेंटीनेंस का काम नगर निगम को सौंप दिया गया।
अब इस बंदरबांट का परिणाम नगर निगम अधिकारियों के लिए परेशानी की वजह बनी हुई है।
ननि को क्यों सौंप दी गई लाइटें
जानकारों की माने तो यदि मेंटीनेंस का कार्य नगर निगम को ही देना था
तो शासन द्वारा नगर निगम को ही राशि क्यों इस मॉडल सड़क में स्ट्रीट लाइटें लगाने की नहीं दी गई।
जिस विभाग ने यह काम कराया वह गुणवक्ताविहीन है, यह खुद बंद पड़ी स्ट्रीट लाइटें बयां कर रही हैं।
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क्योंकि इस इन लाइटों को लगे अभी वर्ष भी नहीं बीता और लाइटे बंद हो गई।
कईयों में दो से तीन दफा नगर निगम ने मेंटीनेंस भी करा डाला
लेकिन गुणवक्ताविहीन कार्य होने से वह बार-बार खराब हो रहीं हैं।
मेंटीनेंस में बड़ी परेशानी
सड़क में लगी स्ट्रीट लाइटों के मेंटीनेंस में बड़ी परेशानी अधिकारियों को आ रही है,
डिवाईडर लगाकर मिट्टी डाल दी गई,
इस मिट्टी से बिजली के खंभे भी ढ़क दिए गए, तार मिट्टी के नीचे कर दी गई है,
जिससे फाल्ट धूढऩे में भी परेशानी हो रही है।
मेंटीनेंस करने से पहले पूरी मिट्टी हटानी पड़ती है, ननि सूत्रों की माने तो काम इतना गुणवक्ताविहीन हुआ है
कि तारे अभी से खराब होने लगी हैं, अधिकतर तारे मिट्टी के नीचे दबने के बाद से खराब हो गई हैं।
फ्लाईओवर में डिपर दे रहीं
भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा नमूना समान फ्लाईओवर भी है,
यहां लगी स्ट्रीट लाइटों में अधिकतर तो शुभारंभ के बाद से जली ही नहीं
और जो जलीं भी वह डिपर दे रहीं हैं।
आलम यह हुआ कि इसे नगर निगम ने हैंडओवर करने से भी इंकार कर दिया।
अधिकारियों को यहां हुए गुणवक्ताविहीन कार्य की जानकारी पहले से ही थी,
इसलिए जब इसे हैंडओवर करने की बात आई तो ननि ने इंकार कर दिया।
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वहीं एमआईसी ने भी इन सभी मामलो को लेकर अधिकारियों से जानकारी तलब कर ली है
सड़क भ्रष्टाचार का बड़ा उदाहरण शहर में अगर भ्रष्टाचार की बात होती है
तो आज लोगो क जुबान में इस मॉडल सड़क का नाम सबसे पहले आता है,
रीवा विधायक राजेन्द्र शुक्ला भले ही इस मॉडल सड़क की तरीफ करते नहीं थकते
लेकिन हकीकत यही है कि इस मॉडल सड़क ने अब तक जनता को परेशानी ही दी है।
सड़क में कई जगहों पर पैच वर्क किए जा रहे है,
कंक्रीट उखडऩे लगी, जब तक निर्माण हुआ जनता को परेशानी ही हुई।
हालांकि सत्ताधारी नेता अब भी इस मॉडल सड़क की तरीफ नहीं करते थकते,
जबकि इस मॉडल सड़क में करोड़ो का बंदरबांट करते हुए गुणवक्ता से खिलवाड़ किया गया है।
मेंटीनेंस के लिए नगर निगम को चोरहटा- रतहरा मॉडल सड़क की स्ट्रीट लाइटें हैंडओवर की गई हैं।
अधिकारी इसके फाल्ट खोज-खोज कर परेशान हैं,
विद्युत यांत्रिकी विभाग के अधीक्षण यंत्री को पत्र लिखा गया है,
जिसमें इसकी जांच कराने की बात कही गई है।
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शहर के एक वर्ष के महापौर के कार्यकाल के विकास की समीक्षा करने वाले
रीवा विधायक राजेन्द्र शुक्ला की इस ड्रीम सड़क की समीक्षा यदि वह कर लें
तो उनको उनके कार्यकाल में हुए विकास की हकीकत पता चल जाएगी।
111 करोड़ रुपए की सड़क उखड़ चुकी है, पैच वर्क कराया जा रहा है,
स्ट्रीट लाइटें बद पड़ी हैं। क्या ऐसा ही विकास रीवा के लिए वह करना चाहते हैं।
लाइटों को लगाने का कार्य गुणवक्ताविहीन किया गया और
अब उसे सुधारने का काम नगर निगम को दे दिया गया।