जन्म: 3 अगस्त 1947, मैसूर जिले के सिमानादी में हुआ था।
परिवार पिता- सिद्धाराम गौड़ा, मां- मरम्मा 5 भाई-बहनों में दूसरी संतान।
संपत्ति: लगभग 19 करोड़ रु.
चुनाव के पहले उन्होंने अपनी संपत्ति 19 करोड़ रुपए बताई थी। अचल संपत्ति करीब 10 करोड़ रुपए थी। लगभग 7 करोड़ रुपए की देनदारी भी इन्होंने घोषित की थी।
कर्नाटक में सिद्धारमैया नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने जा रहे हैं। वे पहले भी 2013 से 2018 के बीच राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। उनके यहां तक पहुंचने की कहानी संघर्ष भरी और रोचक है। किसान परिवार में जन्मे सिद्धारमैया ने मैसूर विश्वविद्यालय से बीएससी और वकालत की पढ़ाई पूरी की।
कॉलेज के दिनों से ही बोलने की शैली के लिए प्रसिद्ध होने लगे थे। उनकी यही प्रतिभा देखकर वरिष्ठ वकील ननजुडा स्वामी ने f उन्हें मैसूर तालुका से चुनाव लड़ने की सलाह दी और वे जीत गए। साल 1983 में में भारतीय लोक दल पार्टी से पहला विधानसभा चुनाव लड़ा और विधायक बने।
इस जीत ने सभी को चौका दिया. क्योंकि उनकी कोई खास राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं थी और ये तब सिर्फ 36 साल के थे। 1985 में यानी सिर्फ 38 साल की उम्र में ही उन्हें मंत्री पद भी मिल गया। लेकिन 1989 में वे विधानसभा चुनाव हार गए। तेजी से वापसी करते हुए 1996 में जनता दल में रहते हुए उप मुख्यमंत्री बने।
इसके बाद 2004 में जेडीएस और कांग्रेस की सरकार में फिर उपमुख्यमंत्री रहे। लेकिन बाद में जेडीएस प्रमुख एचडी देवगौड़ा से मतभेद हो गया तो उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया। उन्होंने खुद को पार्टी बनाने के बारे में विचार किया, लेकिन 2008 में कांग्रेस में शामिल हो गए।
2013 से 2018 तक मुख्यमंत्री रहे। सिद्धारमैया ने राजनीतिक कॅरिअर में विधानसभा के 12 चुनाव लड़े हैं, जिसमें से उनको 9 में जीत हासिल हुई है।
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बिग एफएम में इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा था कि उनको खाना बनाना पसंद है, खासकर, उपमा और चावल ।
कांग्रेस पार्टी में अपने प्रतिस्पर्धी डीके शिव कुमार को पीछे छोड़ते हुए सिद्धारमैया कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री के रूप में 20 मई को शपथ लेंगे।
परिवार : दस की उम्र में पहली बार सीधे पांचवी में स्कूल गए