छोटे बच्चे टीवी देखते हुए बड़े क्यूट लगते हैं और उनके टीवी में बिजी होने पर भाप अपने जी काम भी निपटा लेते हैं। आज की दुनिया में टेलीविजन से बचना लगभग असंभव है कलर में कम से कम एक है। माता-पिता और देखभाल करने वाले अवसर बच्चे को रखने के लिए को टेलीविजन के सामने किए देते हैं। लांकि छोटे बच्चों को जी के सामने विज्ञाने से पहले मामा को यह जान लेना के लिए है।
क्या बेबी को टीवी दिखा सकते है
अपेडियाट्रिक्स (एएपी) ने 18 के बच्चों के लिए स्क्रीन टाइम की की है। इस प्रकार, शिशुओं को टेलीविजन और अन्य उपकरणों, जैसे स्मार्टफोन और टेबलेट को नहीं देखना चाहिए। मड़े किशु और छोटे बच्चों को भी टीवी देखने की नहीं आती है।
बच्चे किस उम्र से देख सकते हैं टीवी
18 से 24 महीने के बीच के बच्चे अपने माता-पिता के साथ स्मार्टफोन या टैबलेट पर दिन में कुछ मिनट के लिए हाई क्वालिटी वाले एजुकेशन ऐप का उपयोग कर सकते हैं। दो वर्ष से अधिक उम्र के बच्चे उच्च गुणवत्ता वाले ऐप्स को एक दिन में एक घंटे से अधिक नहीं देख सकते हैं।
बच्चे को कितनी देर दिखाएं टीवी
मैसाचुसेट्स से न्यूरोसाइंस पीएचडी डॉ. टाली दिये कहते है, यह आशर्य की बात नहीं है कि कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि जो बच्चे अपनी अपने आसपास की दुनिया के बारे में जान और सीख ही रहे हैं, उनके लिए टीवी बहुत ज्यादा हो सकता है।
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हालांकि, इस बात का कोई निश्चित उत्तर नहीं है कि टीवी शिशुओं के लिए हानिकारक है या नहीं, आमतौर पर यह सलाह दी जाती है कि माता-पिता अपने बच्चे के स्क्रीन टाइम (टीवी, कंप्यूटर, टैबलेट और फोन सहित) को प्रति दिन एक घंटे या उससे कम समय तक सीमित रखें। अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स का कहना है कि वीडियो मनोरंजन शिशुओं और बच्चों के विकासशील दिमाग के लिए एक मानसिक जंक फूड की तरह है।
शिशु के मतिष्क पर असर
टेलीविजन देखने से शिशु को कोई लाभ नहीं होता है क्योंकि वे टेलीविजन पर देखी गई छवियों को समझने के लिए बहुत छोटे होते हैं। बच्चे टीवी देखते हैं क्योंकि उन्हें चमकीले और रंगीन चित्र आकर्षक लगते हैं। वे टीवी की छवियों के समतुल्य वास्तविक दुनिया को समझ और पहचान नहीं सकते हैं।
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उदाहरण के लिए, एक बच्चा किसी खिलौने का टीवी विज्ञापन देख सकता है, जो उसके पास पहले से है। हालांकि, उन्हें यह एहसास नहीं होगा कि यह वही खिलौना है जो उनके हाथों में है।
स्पीच और लैंग्वेज के विकास में देरी
अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के अनुसार, माता- पिता अपने बच्चे के साथ खेलते समय औसतन प्रति घंटे 940 शब्द बोलते हैं। हालांकि, टेलीविजन चालू करने से यह संख्या घटकर 770 हो जाती है और इस पर कोई नहीं देखता।
इसलिए, यदि आपका बच्चा कार्टून, जैसे टेलीविजन कार्यक्रमों को देखने में तल्लीन रहता है, तो आपके द्वारा अपने बच्चे से बोले जाने वाले शब्दों की संख्या में काफी कमी आ सकती है। यदि आपका शिशु अपने जागने के घंटों का एक बड़ा हिस्सा टीवी देखने में बिताता है, तो इसका प्रभाव कई गुना हो सकता है।