बीते दिनों में एक खबर प्रकाशित की गई की एक गरीब पीड़ित परिवार के साथ कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर फर्जी लीज का सहमत पत्र बनवा लिया गया।
शिकायत कर्ता के शिकायती आवेदन के आधार पर खबर को प्रकाशित किया गया लेकिन उक्त खबर की तहकीकात करते हुए राजकुमार खुराना का भी पक्ष जाना गया तो एक अलग ही मामला सामने आया। जिसमें कई संदेहास्पद बात सामने निकल कर आई।
शिकायत कर्ता ददर्ई सिंह गोड़ ने मीडिया के सामने आकर क्रेशर संचालक राजकुमार खुराना पर यह आरोप लगाया कि जमीन नंबर 10 के साथ साथ 13 नंबर पर भी फर्जी तरीके से लीज बनवाईं गई है।
लेकिन तहकीकात में यह बात सामने निकल कर आई की ददई सिंह द्वारा जमीन क्रमांक 10 और 13 पर 28 फरवरी 2017 को ₹20 हजार एडवांस लेते हुए आपसी लेख बनवाया गया।
और 25-05-2017 को हनुमना तहसील में बकायदा अनुबंध किया गया!उसी आपसी अनुबंध पर 25 -06 2017 को शाम 5:00 बजे ₹2 लाख रुपए नगद बतौर एडवांस भी लिया गया, ददर्ई सिंह ने मीडिया से चर्चा करते हुए यह भी आरोप लगाया था कि उक्त जमीन पर जो भी अनुबंध हुआ था उसके मुताबिक क्रेशर संचालक राजकुमार खुराना के द्वारा राशि नहीं दी गई! लेकिन तहकीकात और और ग्राम वासियों से पूछने पर पता चला कि ददई सिंह के पत्नी के नाम पर ग्राम कन्हैया खोली बेल्हा में साढ़े 10 एकड़ जमीन की खरीदी की गई है।
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जिसकी कीमत 3 लाख रुपए एकड़ है! उक्त जमीन की रजिस्ट्री मऊगंज रजिस्टर कार्यालय में 29-07- 2021 को हुई ! ददर्ई सिंह के भाई ललन सिंह के नाम पर दामोदर गढ़ में साढ़े 9 एकड़ जमीन 6 लाख रुपए एकड़ की लागत से 30 -05 2022 को खरीदी गई! एक और भाई बबन सिंह के नाम पर 11 एकड़ जमीन साढ़े 4 लाख की लागत से खरीदी गई जिसकी रजिस्ट्री दो अलग-अलग दिनांक में हुई पहले दिनांक 10 -12 -2021 और दूसरा 21- 2- 2023 को है अब सवाल यहां पर है कि जब राजकुमार खुराना द्वारा ददई सिंह को पैसा दिया ही नहीं गया तो इतनी बड़ी लागत की जमीन ददई सिंह और उसके भाइयों ने खरीदी कहां से! सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अपने आप को गरीब और पीड़ित बतानें वाला ददई सिंह के द्वारा आइसर ट्रैक्टर एजेंसी सीधी में साढ़े 5 लाख रुपए नगद जमा कर 19 -4 -2021 को ट्रैक्टर भी खरीदा गया। वही 17-4- 2019 को श्री राम हीरो एजेंसी हनुमना से एक मोटरसाइकिल की भी खरीदी की गई।
ग्रामीणो द्वारा पूछताछ करने पर पता चला कि जमीन क्रमांक 10 और 13 का टोटल रकवा लगभग 30 एकड़ का है जिसमें ददई सिंह अपने 4 भाइयों सहित कई अन्य पारिवारिक सदस्य भी उक्त जमीन में सह खातेदार है और जिसके बटबारे को लेकर कोर्ट में प्रकरण विचाराधीन है।
मिली जानकारी के अनुसार शातिर ददई सिंह के द्वारा जमीन क्रमांक 10 और 13 पर ही महालक्ष्मी क्रेशर के संचालक राजेन्द्रर सिंह गांधी के साथ मिलकर एक नया अनुबंध कर लिया गया! और उक्त जमीन पर ही महालक्ष्मी क्रेशर के संचालक राजेन्द्रर सिंह और ददई सिंह के द्वारा अवैध उत्खनन किया जाने लगा! लेकिन जब इस अवैध उत्खनन को लेकर खनिज विभाग द्वारा ददई सिंह को लगभग 70 लाख रुपए की नोटिस पहुंची तो आनन फानन में महालक्ष्मी क्रेशर संचालक के साथ मिलकर षड्यंत्र पूर्वक वैद्य लीज धारक राजकुमार खुराना के विरुद्ध शिकायत कर बदनाम करने की कूंटरचित साजिश रची गई।
अब बड़ा सवाल यह निकल कर सामने आया कि यदि वाकई में ददई सिंह के साथ राजकुमार खुराना द्वारा षड्यंत्र किया गया तो अनुबंध के लगभग 6 वर्ष तक ददई सिंह के द्वारा खनिज विभाग और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के पास शिकायत क्यों नहीं की गई?
सवाल नंबर 2 अपने आप को गरीब बताने वाले ददई सिंह का आलीशान पक्का मकान बनाने का पैसा कहां से आया?
सवाल नंबर 3
ददर्ई सिंह के दोनों भाई ललन सिंह और बबन सिंह के नवनिर्मित पक्के मकान दामोदरगढ़ और बेल्हा में किसके पैसे से बन रहे हैं?
सवाल नंबर 4
यदि क्रेशर संचालक राजकुमार खुराना द्वारा अनुबंध के मुताबिक ददई सिंह को पैसा नहीं दिया गया तो इतनी बड़ी लागत की जमीन की खरीदी और नगद ट्रैक्टर के खरीदी का पैसा ददई सिंह के पास कहां से आया ?
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इस पूरे तहकीकात में एक बात जो सामने निकल कर आई उसमें इस पूरे कूंट रचित षड्यंत्र का मास्टर माइंड महालक्ष्मी क्रेशर का संचालक राजेन्द्रर सिंह गांधी है जिसके द्वारा पहले उक्त जमीन पर ही ददई सिंह को मोहरा बनाकर लीज वनबाने का आवेदन करवाया गया जो आज दिनांक तक प्रकिया में है और दूसरी तरफ वर्षों से लगातार अवैध उत्खनन करता रहा लेकिन जब इस अवैध उत्खनन पर खनिज विभाग का नोटिस वाला चाबुक ददई सिंह पर पड़ा तो ददई सिंह का रहनुमा बनते हुए अपने स्वार्थ सिद्धी के लिए कूंटरचित साजिश रचते हुए एक वैद्य लीजधारक को बदनाम करने का षड्यंत्र रचा गया।