मामला खडगवां वन परिक्षेत्र के खड़गवां सागौन नर्सरी का है जहां इन दिनों सागौन की इमारती लकड़ियों की अवैध कटाई जोरों पर है।
यह कटाई वन परिक्षेत्र खड़गवां से महज सात सौ से आठ सौ मीटर की दूरी पर की जा रही है लेकिन प्रशासन अपनी कुंभकर्णी नींद में सोया हुआ है।
जहां एक सागौन के वृक्ष को तैयार होने में कई वर्ष लग जाते हैं वहीं अवैध कटाई करने वाले इस पल भर में काटकर पर्यावरण एवं शासन दोनों को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
इस बात की सूचना जब मीडिया कर्मी द्वारा वन पर क्षेत्र अधिकारी को दी गई
तब कहीं जाकर वन अमला अपनी नींद से जगा और कार्यवाही करने का आश्वासन देते हुए मौके पर पहुंचा।
परंतु सवाल यह है कि प्रशासन द्वारा जब इन्हें वनों की सुरक्षा के लिए नियुक्त किया जाता है तो आखिर इन्हें मीडिया कर्मी की सूचना की जरूरत ही क्यों ?
BIG BREAKING : देश के चौथे स्तम्भ की शक्ति और समाज पर इसका प्रभाव, जाने पूरी खबर
क्या वनरक्षक द्वारा सिर्फ वेतन लेकर घर पर ही अपनी ड्यूटी की जाती है ? या मिली भगत कर इनको छूट दी जाती है?
यह सभी विषय जांच का है । फिलहाल देखना यह है कि किस प्रकार प्रशासन और वन विभाग द्वारा इस समस्या का निपटान किया जाता है ।
सुरेश कुमार, सरगुजा संभागीय हेड