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मध्य प्रदेश : खबर रीवा जिले के गढ़ थाना अंतर्गत टिकुरी गांव की है जहां कल दो गुटों में लाठी चली जिसमें दोनों गुटों के दर्जनभर लोग जख्मी हो गए घटना की जानकारी लेने के लिए जब हमारे संवाददाता ने घटना स्थल पर मौजूद लोगों से बातचीत की तो लोगों ने बताया कि इस विवाद की सबसे बड़ी जड़ अगर देखा जाए तो गांव का सरपंच है आपको बता दें कि विगत कई माह पूर्व सरपंच का चुनाव हुआ था वहां पर एक हरिजन हीं चुनाव जीतकर सरपंच बना था सूत्रों की और लोगों की माने तो जातिगत विवाद फैलाने का मास्टरमाइंड ही सरपंच है सोशल मीडिया में एक ऑडियो वायरल हो रही है जिसमें बताया गया है कि सरपंच की आईडीयो है।

अब गांव के हीं किसी पंडित से वह बता रहा है कि उनको समझा दो नहीं तो एससी एसटी एक्ट लगवा देंगे और यहां तक नहीं रुका गरीबों की गरीबी का फायदा उठाते हुए जागरूक सरपंच ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि जब लोगों को डेढ़ लाख रुपए मिलेंगे तो वह गुंडागर्दी करने में ही उतारू हो जाएंगे आपको बता दें सरकार के द्वारा संविधान में दलित शोषित पिछड़ा वर्गों के लिए एससी एसटी एक्ट का प्रावधान दिया गया है लेकिन आजकल उस एक्ट का जमकर दुरुपयोग किया जा रहा है इस ऑडियो से स्पष्ट होता है कि सरपंच के द्वारा पूर्व से ही प्लानिंग की जा रही थी हालांकि आड़ियों की पुष्टि ना तो मैं ना मेरा चैनल करता है यह तो जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा।

खूनी संघर्ष के बाद संजय गांधी हॉस्पिटल में जख्मी हुए व्यक्ति ने सरपंच पर क्या आरोप लगाया

हॉस्पिटल में तड़प रहे एक व्यक्ति ने साफ तौर पर सरपंच पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि यह सारा कुछ सरपंच का कराया हुआ है आपको बता दें जिस रोड का निर्माण किया गया था वह वैधानिक तरीके से गलत थी।

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लेकिन सरपंच ने इन दलितों का वोट पाने के लिए मनमर्जी तरीके से उसमें रोड का निर्माण कर दिया और जमीन के मालिक ओमप्रकाश सिंह पुत्र नरेंद्र सिंह ने बताया कि यह मेरी खुद की जमीन है और ना ही मेरे द्वारा इसमें दान पत्र किया गया है और ना ही किसी भी तरह से इसमें रोड बनवाने की सहमति दी गई सूत्रों की माने तो सरपंच वोट हासिल करने के लिए दलितों को भड़का कर रखा था कि मैंने रोड बनवा दिया है और जैसे ही कोई उखाड़ने या खोदने आता है तो आप भारी तादात में इकट्ठा होकर उसका विरोध करना जिस से रोड को उखाड़ नहीं पाएगा

इसी हफ्ते जिला कलेक्टर को रॉयल राजपूत संगठन द्वारा ज्ञापन सौंपा गया था

हमारे संवाददाता से बात करते हुए रॉयल राजपूत संगठन के राष्ट्रीय मंत्री पिंकू सिंह ने बताया कि इसी हफ्ते इसी जमीनी विवाद को लेकर जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया था और जिला कलेक्टर महोदय के द्वारा आश्वासन दिया गया था कि बहुत जल्द इसका निराकरण किया जाएगा पिंकू सिंह ने बताया कि वह जमीन भूमि स्वामी के खुद की पट्टे की है।

जब तक किसी पाटेदार के द्वारा उस जमीन को दान पत्र या मध्यप्रदेश शासन नहीं कराया जाता तब तक किसी के द्वारा उसकी भूमिस्वामी की जमीन को अधिग्रहण नहीं किया जा सकता है यह तो एक गुंडई और तानाशाही है जिसका मैं खुलकर विरोध करता हूं

राजस्व विभाग की भ्रष्ट कार्रवाई के कारण लोगों को खामियाजा भुगतना पड़ा

आप को बता दें रीवा जिले के अंदर राजस्व विभाग के हजारों ऐसे प्रकरण हैं जो आज भी लंबित पड़े हुए हैं जिसके कारण लोग लगातार राज्य विभाग की चौखट के दरवाजे खटखटा रहे हैं लेकिन उनका निराकरण नहीं हो पाया है और जब निराकरण नहीं हो पाता है तो लोग मजबूर होकर उसमें कार्रवाई करने के लिए बाध्य हो जाते हैं।

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यह मामला 2014 से न्यायालय में चल रहा था पीड़ितों के द्वारा लगातार न्यायालय के चक्कर काटे जा रहे थे लेकिन भ्रष्ट अधिकारी भ्रष्ट बाबुओं की कार्रवाई के कारण कल खूनी संघर्ष का यह मंजर देखने को मिला जिस तरह से कल स्थानीय प्रशासन पहुंचकर और उनकी जमीन का निराकरण कर दिया गया अगर यही निराकरण इससे पूर्व किया होता तो शायद यह मंजर देखने को नहीं मिलता अब क्या प्रशासन इससे संबंधित भ्रष्ट अधिकारियों के ऊपर कार्रवाई करेगी या फिर इनको और किसी ऐसी घटना को अंजाम देने के लिए छोड़ देगी

सरपंच की राजनीति का शिकार हुए दलित

रपंच की राजनीति का शिकार हुए दलित सूत्रों की मानें तो सरपंच अपनी कुर्सी चमकाने के लिए दलितों का इस्तेमाल कर रहा था हालांकि वह खुद एक दलित नेता हैं लेकिन भोले वाले दलितों को उलझा कर वह उनका इस्तेमाल रहा था किसी भी रोड सड़क का निर्माण भूमि स्वामी के बगैर मर्जी किसी की भूमि अधिग्रहण नहीं किया जा सकता है।

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यहां तक कि भारत सरकार भी अगर किसी की भूमि अधिग्रहण करती है तो उसको या तो मांबजा देती है या फिर उससे किसी भी तरह से समझौता करके ही उसकी जमीन पर रोड हवाई पट्टी या रेलवे का निर्माण करती है लेकिन जिस तरह से सरपंच ने सर हंगाई के साथ इस रोड का निर्माण किया वह एक तरह से दलित और ब्राह्मण ठाकुर समाज मैं जहर घोलने का काम किया था ऐसे सरपंचों के ऊपर प्रशासन त्वरित कार्रवाई करें ताकि आने वाले समय में दोबारा किसी भी दलित या किसी भी ब्राह्मण समाज या दलित समाज को आपस में लड़ने का मौका ना मिले और एक स्वतंत्र न्यायपालिका प्रदान की जा सके।


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