Spread the love

NEWS  AGENCY : भारत में कुल 4120 MLA और 462 MLC हैं अर्थात कुल 4,582 विधायक।

प्रति विधायक वेतन भत्ता मिला कर प्रति माह 2 लाख का खर्च होता है। अर्थात,

91 करोड़ 64 लाख रुपया प्रति माह। इस हिसाब से प्रति वर्ष लगभ 1100 करोड़
भारत में लोकसभा और राज्यसभा को मिलाकर कुल 776 सांसद हैं।
इन सांसदों को वेतन भत्ता मिला कर प्रति माह 5 लाख दिया जाता है।

MP ELECTION 2023 : मध्यप्रदेश में राजनीतिक पारा चढा, सियासत गरमाई, जानिए पूरी खबर

अर्थात कुल सांसदों का वेतन प्रति माह 38 करोड़ 80 लाख है। और हर वर्ष इन सांसदों को 465 करोड़ 60 लाख रुपया वेतन भत्ता में दिया जाता है।

अर्थात भारत के विधायकों और सांसदों के पीछे भारत का प्रति वर्ष 15 अरब 65 करोड़ 60 लाख रूपये खर्च होता है।

ये तो सिर्फ इनके मूल वेतन भत्ते की बात हुई। इनके आवास, रहने, खाने, यात्रा भत्ता, इलाज, विदेशी सैर सपाटा आदि का का खर्च भी लगभग इतना ही है।

अर्थात लगभग 30 अरब रूपये खर्च होता है इन विधायकों और सांसदों पर।

अब गौर कीजिए इनके सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मियों के वेतन पर।

एक विधायक को दो बॉडीगार्ड और एक सेक्शन हाउस गार्ड यानी कम से कम 5 पुलिसकर्मी और यानी कुल 7 पुलिसकर्मी की सुरक्षा मिलती है।

7 पुलिस का वेतन लगभग (25,000 रूपये प्रति माह की दर से) 1 लाख 75 हजार रूपये होता है।

इस हिसाब से 4582 विधायकों की सुरक्षा का सालाना खर्च 9 अरब 62 करोड़ 22 लाख प्रति वर्ष है।

इसी प्रकार सांसदों के सुरक्षा पर प्रति वर्ष 164 करोड़ रूपये खर्च होते हैं।

Z श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त नेता, मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों, प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए लगभग 16000 जवान अलग से तैनात हैं।

जिन पर सालाना कुल खर्च लगभग 776 करोड़ रुपया बैठता है।

इस प्रकार सत्ताधीन नेताओं की सुरक्षा पर हर वर्ष लगभग 20 अरब रूपये खर्च होते हैं।

अर्थात हर वर्ष नेताओं पर कम से कम 50 अरब रूपये खर्च होते हैं।

इन खर्चों में राज्यपाल, भूतपूर्व नेताओं के पेंशन, पार्टी के नेता, पार्टी अध्यक्ष , उनकी सुरक्षा आदि का खर्च शामिल नहीं है।

यदि उसे भी जोड़ा जाए तो कुल खर्च लगभग 100 अरब रुपया हो जायेगा।

अब सोचिये हम प्रति वर्ष नेताओं पर 100 अरब रूपये से भी अधिक खर्च करते हैं, बदले में गरीब लोगों को क्या मिलता है ?
क्या यही है लोकतंत्र ?
(यह 100 अरब रुपया हम भारत वासियों से ही टैक्स के रूप में वसूला गया होता है।)

दिग्विजय बोले – बजरंग बली की तुलना गुंडों की टोली की गई है : कहा मोदी जी माफ़ी मांगे, जाने क्या है मामला
एक सर्जिकल स्ट्राइक यहाँ भी बनती है
◆ भारत में दो कानून अवश्य बनना चाहिए
→ पहला – चुनाव प्रचार पर प्रतिबंध
नेता केवल टेलीविजन ( टी.वी.) के माध्यम से प्रचार करें
→ दूसरा – नेताओं के वेतन भत्तो पर प्रतिबंध
| तब दिखाओ देशभक्ति |
प्रत्येक भारतवासी को जागरूक होना ही पड़ेगा और इस फिजूल खर्ची के खिलाफ बोलना पड़ेगा ?
इस मेसेज़ को जितना हो सके फेसबुक और व्हाट्सअप ग्रुप में फॉरवर्ड कर अपनी देश भक्ति का परिचय दें।
सादर निवेदन
माननीय PM and CM जी,
कृपया सारी योजना बंद कर दीजिये सिर्फ,
सांसद भवन जैसी कैन्टीन हर दस किलोमीटर पर खुलवा दीजिये ।
सारे झगड़े ख़त्म।
29 रूपये में भरपेट खाना मिलेगा..
80% लोगों को घर चलाने का झगड़ा ख़त्म।
ना सिलेंडर लाना, ना राशन और
घर वाली भी खुश ।
चारों तरफ खुशियाँ ही रहेगी।
फिर हम कहेंगे सबका साथ सबका विकास ।
सबसे बड़ा फायदा 1र् किलो गेहूँ नहीं देना पड़ेगा और
PM जी को ये ना कहना पड़ेगा कि मिडिल क्लास के लोग अपने हिसाब से घर चलाएँ ।
इस पे गौर करें,
कृपया कड़ी मेहनत से प्राप्त हुई ये जानकारी देश के हर एक नागरिक तक पहुँचाने की कोशिश करे ।
शान है या छलावा…
पूरे भारत में एक ही जगह ऐसी है जहाँ खाने की चीजें सबसे सस्ती है ।
चाय = 1.00
सुप = 5.50
दाल= 1.50
खाना =2.00
चपाती =1.00
चिकन= 24.50
डोसा = 4.00
बिरयानी=8.00
मच्छी= 13.00
ये सब चीज़ें सिर्फ गरीबों के लिए है और ये सब Available है Indian Parliament Canteen में।
और उन गरीबों की पगार है 80,000 रूपये महीना वो भी बिना income tax के ।
आपके Mobile में जितने भी नम्बर save है सबको forward करें ताकि सबको पता चले …
कि यही कारण है कि इन्हें लगता है कि जो आदमी 30 या 32 रूपये रोज़ कमाता है वो ग़रीब नहीं है।
और सभी को जागरूक करें।


Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *