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जबलपुर। मुख्यमंत्री द्वारा मंच से प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी को निलंबन के आदेश दिए गए थे इस मामले में न्यायालय से निलंबन आदेश के रोक के बावजूद प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी को ज्वाइनिंग नहीं देने पर हाई कोर्ट सख्त हो गया है। हाई कोर्ट ने इस मामले में रीवा संभागायुक्त और सीधी के कलेक्टर से जवाब तलब कर लिया है। हाई कोर्ट ने एक अवमानना याचिका पर पूछा है की अदालत द्वारा निलंबन पर रोक के बावजूद प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी सीधी को ज्वाइनिंग क्यों नहीं दी गई। न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने शासकीय अधिवक्ता को दो दिन में जवाब पेश करने कहा।

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जवाब नहीं आने पर हाजिरी के आदेश होंगे

हाई कोर्ट ने कहा कि जवाब नहीं आने पर संभागायुक्त रीवा और कलेक्टर सीधी की व्यक्तिगत हाजिरी के आदेश जारी करेंगे। मामले पर 19 जून को पुन: सुनवाई होगी। डीईओ पवन कुमार सिंह की ओर से अधिवक्ता भूपेन्द्र शुक्ला ने पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि हाई कोर्ट ने 21 दिसंबर 2022 को याचिकाकर्ता के निलंबन पर रोक लगा दी थी। इसके बावजूद अभी तक उन्हें ज्वाइनिंग नहीं दी गई। इसलिए अवमानना याचिका दायर की गई।

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यह दी गई दलील

अधिवक्ता शुक्ला ने दलील दी कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंच से निलंबन का आदेश दिया था। जिसके बाद 10 फरवरी, 2022 को संभागायुक्त, रीवा ने याचिकाकर्ता को डीइओ पद से निलंबित कर दिया था याचिकाकर्ता का आरोप है कि उसे राजनीतिक कारण से दुर्भावनावश निलंबित किया गया है। जिस दिन मुख्यमंत्री का कार्यक्रम था, उसी दिन कलेक्टर का प्रतिवेदन आया और उसी दिया संभागायुक्त ने निलंबन आदेश भी जारी की दिया।


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