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जनपद अध्यक्ष गंगेव विकास तिवारी ने जनपद सदस्यों की मांगों को बताया जायज, सरकार मांगों को पूरा नहीं करेगी तो होगा प्रदेश व्यापी आंदोलन।

मध्य प्रदेश जनपद एकता संघ को मिला जनाधिकार पंचायती राज संगठन का समर्थन।

रीवा : जिले के जनपद पंचायत गंगेव के अध्यक्ष एवं संयोजक जनाधिकार पंचायती राज संगठन मध्य प्रदेश विकास तिवारी ने मध्य प्रदेश जनपद एकता संघ की मांगों का समर्थन करते हुए सरकार को बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है।

श्री तिवारी ने कहा कि पूर्व में जनाधिकार पंचायती राज संगठन के नेतृत्व में मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश शासन को ज्ञापन सौंपकर पंचायत प्रतिनिधियों के अधिकारों वेतन भत्ते और विकास निधि बढाए जाने का ज्ञापन सौंपा गया था मुख्यमंत्री ने जनाधिकार पंचायती राज के प्रतिनिधिमंडल को विश्वास दिलाया था कि शीघ्र ही पंचायती राज जनप्रतिनिधियों के अधिकारों वेतन भत्ता विकास निधि पर सरकार बेहतर करेगी लेकिन अब तक ऐसा कुछ नहीं हुआ श्री तिवारी ने कहा गया कि वर्तमान सरकार में ग्राम पंचायतों में स्थानीय जनता से निर्वाचित पंचायती राज जनप्रतिनिधियों को सरकार द्वारा उपेक्षित किया जा रहा है ग्राम पंचायतों के सरपंच पंच जनपद सदस्य जिला पंचायत सदस्यों को इस सरकार में आवश्यक अधिकार नहीं दिए गए हैं।

जिसके चलते पंचायत स्तर पर विकास नहीं हो रहा है श्री तिवारी ने कहा कि गांव में रहने वाले आम जनों के बीच सरपंच और पंच तथा जनपद सदस्य और जिला पंचायत सदस्य नाम मात्र के रह गए हैं क्षेत्र में बिजली पानी सड़क नाली जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं है और जनता अपने चुने हुए ग्राम पंचायत के जनप्रतिनिधियों की तरफ आशा भरी निगाहों से देखती है और चाह कर भी पंचायती राज जनप्रतिनिधि जनता के लिए कुछ विशेष नहीं कर पा रहे जिसके चलते ग्राम पंचायत स्तर पर विकास कार्य नहीं हो रहे हैं विकास तिवारी ने कहा कि विगत 24अप्रैल को करोड़ों रुपए खर्च करके प्रधानमंत्री द्वारा रीवा में पंचायत राज स्थापना दिवस कार्यक्रम कराया गया लेकिन इस कार्यक्रम में किसी भी जिला पंचायत अध्यक्ष सदस्य जनपद अध्यक्ष जनपद सदस्य सरपंच और पंच को महत्व नहीं दिया गया ऐसे में समझा जा सकता है कि पंचायती राज जनप्रतिनिधियों के प्रति सरकार और देश के जिम्मेदार लोगों की मंशा क्या है।

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श्री तिवारी ने विगत 22 अप्रैल से मध्य प्रदेश जनपद एकता संघ द्वारा भोपाल में किए गए धरना प्रदर्शन को समर्थन जाहिर करते हुए कहा कि जनपद एकता संघ की जायज मांगों का समर्थन करते हैं जब प्रदेश सरकार के इशारे पर पुलिस बल द्वारा जबरन आंदोलनकारी जनपद सदस्यों को धरना स्थल से हटाकर दूर जंगल में छोड़ दिया गया था उसकी जानकारी मिलते ही रातों-रात भोपाल पहुंचे और फिर से आंदोलन को खड़ा किए आने वाले समय में अगर मध्य प्रदेश सरकार पंचायतों को पूर्ववत अधिकार नहीं देती है तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा।

इस दौरान जनपद एकता संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष जनपद सदस्य मृगेंद्र नाथ त्रिपाठी ने कहा कि भाजपा सरकार में पंचायती राज व्यवस्था नाम मात्र की रह गई है जिला पंचायत सदस्य से लेकर पंच तक सभी बिना अधिकार के पद पर बने हुए हैं जबकि जनता ने उन्हें विकास कार्य के लिए मतदान किया है और आशा भरी निगाहों से अपने स्थानीय जनप्रतिनिधि को देख रहे हैं।

जनपद सदस्य जिला पंचायत सदस्य और पंच जैसे पंचायती राज जनप्रतिनिधियों को कोई अधिकार नहीं दिया गया है नाम मात्र का वेतन भत्ता दिया जाता है जबकि सांसदों विधायकों के वेतन भत्ते विकास निधि लगातार बढ़ाई जा रही है पंचायती राज्य जनप्रतिनिधियों की अधिकारों के लिए बीते 22 अप्रैल से भोपाल में धरना प्रदर्शन किया जा रहा था जहां मुख्यमंत्री के निजी सचिव द्वारा मांग पत्रों को लेकर यह कहा गया कि मुख्यमंत्री 15 दिन बाद मिलेंगे जबकि हमारा यह कहना था कि हम भोपाल में कई दिनों से धरना दे रहे हैं और हमें मुख्यमंत्री से 5 मिनट के लिए मुलाकात कराई जाए जब हमारी बातें नहीं मानी गई तो हम धरने पर बैठे रहे जहां भारी संख्या में पुलिस बल पहुंचकर पुरुष और महिला जनपद सदस्यों के साथ अभद्रता करते हुए उन्हें पुलिस की गाड़ी में बैठाकर दूर जंगलों में छोड़ दिया गया था।

सरकार की नीतियों के खिलाफ अब पंचायती राज जनप्रतिनिधियों द्वारा अपने अधिकारों के लिए जिला संभाग स्तर पर सम्मेलन आयोजित कर कमिश्नर को ज्ञापन सौंपा जाएगा और इसके बाद प्रदेश व्यापी आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी।

इस अवसर पर जनपद एकता संघ रीवा की जिला अध्यक्ष श्रीमती सारथी सिंह ने कहा कि हम अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं रीवा जिले में सभी जनपद सदस्य एक राय होकर यह निर्णय लिए हैं कि मध्य प्रदेश सरकार पंचायती राज जनप्रतिनिधियों को उनके अधिकार वापस नहीं करती तो सरकार के खिलाफ आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे सारथी सिंह ने कहा कि जब पंचायतों को पूर्ण अधिकार ही नहीं दिया गया तो गांधी जी के ग्राम स्वराज की कल्पना कैसे की जा सकती है जिसे पूर्व प्रधानमंत्री स्व राजीव गांधी ने लागू किया था और मध्य प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के कार्यकाल में संपूर्ण अधिकार दिए गए थे जिसे अब वर्तमान सरकार द्वारा पंचायतों के अधिकार छीन कर ग्राम पंचायतों को कमजोर कर दिया गया है।


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