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रीवा : जिले के सेमरिया क्षेत्र में अपनी खोई हुई राजनीतिक जमीन तलाश रहे कांग्रेस नेता का भाजपा विधायक को लपेटने का एक और षड्यंत्र फेल हो गया है जहां आदिवासी परिवार में हुए विवाद को तूल देकर राजनीतिक रंग देने की कोशिश तो की गई लेकिन गांव की जनता ने सच्चाई बयां कर किए कराए पर पानी फेर दिया।

रीवा जिले का सेमरिया विधानसभा क्षेत्र आए दिन चर्चा का विषय बना दिया जाता है यह कहने में गलत नहीं होगा कि कांग्रेसी नेता अभय मिश्रा जहां से चुनाव लड़ते हैं वहां हाहाकार जरूर मचता है।

बीते विधानसभा चुनाव में रीवा विधानसभा क्षेत्र में भी काफी हंगामेदार माहौल बनाया गया लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी तो रण छोड़कर एक बार फिर अपनी खोई हुई राजनीतिक जमीन सेमरिया में तलाश करने के लिए जद्दोजहद करते देखे जा रहे हैं जिसके चलते सेमरिया क्षेत्र में कुछ ना कुछ ऐसी घटनाएं सामने आ जाती है जो राजनीतिक स्वार्थ से प्रेरित रहती है।

बीते दिन सेमरिया विधानसभा क्षेत्र के ग्राम मझियार के आदिवासी बस्ती में आदिवासियों के बीच पारिवारिक और जमीनी विवाद को राजनीतिक रंग देने के लिए बड़ा षड्यंत्र रच दिया गया और विधायक के पी त्रिपाठी को उस विवाद में घसीटेंगे की नाकाम कोशिश की गई।

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मौके पर जाकर जब पड़ताल की गई तो जनता ने बताया कि यह परिवारिक जमीनी विवाद है जिसे कांग्रेसी नेता अभय मिश्रा की खासम खास जिला पंचायत सदस्य सुंदरिया कोल और उसके लड़के राजेश कोल द्वारा क्षेत्र में अशांति फैलाई जा रही है पारिवारिक और जमीनी विरोध को राजनीतिक रंग देकर राजनीतिक माहौल गरम करने के लिए विवाद को विधायक सेमरिया के पी त्रिपाठी से जोड़ दिया गया।


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