भोपाल। मध्य प्रदेश के साढ़े चार लाख पेंशनर की महंगाई राहत में
पांच प्रतिशत की वृद्धि करने का रास्ता अब साफ हो गया है।
छत्तीसगढ़ सरकार ने बुधवार को पेंशनर की महंगाई राहत में पांच प्रतिशत बढ़ाकर 38 प्रतिशत कर दी है।
निर्णय ले चुकी है मप्र की शिवराज सरकार
शिवराज सरकार जनवरी 2023 में ही महंगाई राहत में वृद्धि करने का निर्णय ले चुकी है,
लेकिन सहमति न मिलने के कारण लाभ नहीं मिल रहा था।
अक्टूबर 2022 से पेंशनर को 33 प्रतिशत की दर से महंगाई राहत मिल रही है।
इस प्रकार नौ माह बाद अब इसमें वृद्धि होगी।
33 प्रतिशत की दर से महंगाई राहत
प्रदेश में पेंशनर को अक्टूबर 2022 से 33 प्रतिशत की दर से महंगाई राहत मिल रही है।
जबकि, इस अवधि में कर्मचारियों का महंगाई भत्ता दो बार, जनवरी और जुलाई 2023 में बढ़ाया जा चुका है।
इन्हें वर्तमान में 42 प्रतिशत की दर से महंगाई भत्ता मिल रहा है।
छत्तीसगढ़ सरकार से सहमति मांगी थी
शिवराज सरकार ने जनवरी में कर्मचारियों की तरह पेंशनर को महंगाई राहत देने का निर्णय लिया था और
छत्तीसगढ़ सरकार से सहमति मांगी थी।
इसके लिए तीन-चार बार स्मरण पत्र भी वित्त विभाग के अधिकारियों ने लिखा लेकिन सहमति नहीं मिली।
बिना आपसी सहमति वृद्धि नहीं
राज्य पुनर्गठन अधिनियम के प्रविधान अनुसार बिना आपसी सहमति वृद्धि नहीं की जा सकती है,
इसलिए मामला अटका हुआ था।
अब छत्तीसगढ़ सरकार ने कर्मचारियों के साथ-साथ पेंशनर की महंगाई राहत 33 से बढ़ाकर 38 प्रतिशत कर दी है।
इसकी सूचना भी मध्य प्रदेश को दे दी गई है।
अब महंगाई राहत बढ़ाने में कोई परेशानी नहीं
वित्त विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अब महंगाई राहत बढ़ाने में कोई परेशानी नहीं है।
इसके आदेश जल्द ही हो जाएंगे।
पांच प्रतिशत की वृद्धि से पेंशनर को न्यूनतम 350 और अधिकतम आठ हजार रुपये का प्रतिमाह लाभ होगा।
पेंशनर का जान बूझकर नुकसान
उधर, पेंशनर एसोसिएशन मध्य प्रदेश के वरिष्ठ उपाध्यक्ष गणेश दत्त जोशी का कहना है कि
पेंशनर का जानबूझकर नुकसान किया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ ने जुलाई से सातवें वेतनमान में पांच और
छठवें वेतनमान में 11 प्रतिशत की दर से महंगाई राहत बढ़ाने के आदेश जारी किए हैं।
यही मध्य प्रदेश में भी लागू होंगे यानी महंगाई राहत कर्मचारियों के महंगाई भत्ते की तुलना में चार प्रतिशत कम रहेगी।
जनवरी से जुलाई तक का एरियर भी नहीं मिलेगा।