कांग्रेस की पहली सूची तैयार, पहली सूची जारी होने के बाद पार्टी में गूंजने लगे विरोध के स्वर, जाने पूरी खबर
भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में सत्ता की चाबी किसके हाथ में होगी,
इस फैसले के लिए उल्टी गिनती शुरू हो गई है।
इस बार प्रदेश में लगभग साढ़े पांच करोड़ मतदाता नई सरकार को चुनेंगे।
मध्य प्रदेश का चुनाव चरम पर पहुंच चुका है और अब जैसे-जैसे चुनाव का समय नजदीक आता जा रहा है,
दोनों प्रमुख पार्टियों भाजपा और कांग्रेस भी आक्रामक रूप में आ गए हैं।
यह लगभग तय हो चुका है कि मालवा निमाड़, ग्वालियर चंबल, और
महाकौशल क्षेत्र में जिसने मजबूत पकड़ बना ली,
सत्ता की चाबी उसी के हाथ में होगी।
उधर भाजपा ने अपने 39 प्रत्याशियों के नाम का ऐलान किया है
वह उसके लिए सर दर्द बन गया है,
क्योंकि पहली सूची जारी होने के बाद से ही चारों तरफ विरोध के स्वर गूंजने लगे है।
MP BREAKING : आखिर क्यों अमित शाह बार- बार मध्यप्रदेश का दौरा कर रहे है ? जानिये वजह
पहली सूची जारी कर भाजपा ने घर बैठे ली आफत
मध्य प्रदेश में हर तरफ चुनावी शोर सुनाई दे रहा है।
230 विधानसभा सीट पर होने वाले चुनाव में भाजपा और कांग्रेस ने 150 सीट जीतने का लक्ष्य रखा है।
भाजपा पांचवीं बार सरकार बनाने के लिए जोर लगा रही है,
वहीं कांग्रेस फिर से सत्ता हासिल करने का प्रयास कर रही है।
जिस तरह से भाजपा ने पहली सूची जारी करने के बाद जिस तरह से पार्टी में असंतोष फैल रहा है,
उसको लेकर भाजपा खेमे में हड़कंप मचा हुआ है।
पार्टी हाई कमान पहले ही कह चुका है घोषित टिकट में कोई फेरबदल नहीं होगा।
यह तो वही कहावत हो गई ‘आप बैल मुझे मारा।
ये बड़े क्षेत्र सरकार बनाने में मददगार होंगे साबित
प्रदेश के ज्यादा सीटों वाले बड़े बड़े चुनावी क्षेत्रों में कहां कितनी सीट और जिले है।
2018 के चुनाव में किसको कितनी सीट मिली थी उस पर एक नजर-
मालवा-निमाड़ क्षेत्र, कुल 66 सीटें
कुल जिले – 15 (इंदौर, धार, खरगौन, खंडवा, बुरहानपुर, बड़वानी, झाबुआ, अलीराजपुर,
उज्जैन, रतलाम, मंदसौर, शाजापुर, देवास, नीमच और आगर )
2018 के विधानसभा चुनाव में 66 सीटों वाले इस क्षेत्र में भाजपा के पास 57 और कांग्रेस के पास मात्र 9 सीटें हैं।
मालवा-निमाड़ में भाजपा के पिछड़ने के कारण पार्टी को सत्ता से बाहर होना पड़ा था।
ग्वालियर-चंबल अंचल, कुल सीट – 34
कुल जिले – 8 (ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर)।
बीजेपी के पास 16 सीटें है, जबकि कांग्रेस के पास 17 सीट हैं।
एक सीट बीएसपी के खाते में है।
ग्वालियर-चंबल अंचल ने 2018 के आम चुनाव में बड़ा उलटफेर किया था,
जिसके चलते पार्टी सत्ता से बेदखल हो गई थी।
SEMARIYA NEWS : प्रबल दावेदार माने जानें पाण्डेय जी ने दिखाया अपना जनसैलाब, पढ़िए पूरी खबर
महाकौशल(जबलपुर ) क्षेत्र, कुल सीट – 38
कुल जिले – 8 (जबलपुर, कटनी, नरसिंहपुर, सिवनी, छिंदवाड़ा, बालाघाट, मंडला और डिंडोरी)।
जबलपुर को महाकौशल कहा जाता है।
2018 – बीजेपी को मात्र 13 सीट ही मिली थी, जबकि कांग्रेस के खाते में 24 सीटें आई थीं।
जबलपुर को महाकौशल की राजनीति का बड़ा केंद्र माना जाता है।
प्रदेश की सत्ता की चाबी महाकौशल की जीत से ही मिलती है।
MADHYA PRADESH NEWS : सागर जनसभा में मल्लिकार्जुन खरगे का ऐलान, लगाई वादों की झड़ी, जाने पूरी खबर
बुंदेलखंड क्षेत्र, कुल सीट – 26
कुल जिले – 6 (दतिया, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़, दमोह और पन्ना )।
2018 के विधानसभा चुनाव में 17 बीजेपी और 7 सीटें कांग्रेस के पास है।
आदिवासी वर्ग के लिए 47 सीट
प्रदेश में विधानसभा की 230 सीट में से 47 आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित हैं,
इसके अलावा भी कई सीटों पर आदिवासी वोटरों का खासा दखल है।
वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 47 में से 30 आदिवासी सीटों पर जीत मिली थी।
2018 के चुनाव की स्थिति
प्रदेश में कुल 230 सीट, बहुमत के लिए 116 सीट,
भाजपा के पास 126 सीट तथा कांग्रेस के पास 96 सीट है।
इसके अलावा बसपा के पास 2 सपा के पास 1 तथा 4 निर्दलीय है।
कुल 229 सीट, एक सीट रिक्त है।
प्रदेश में महिला वोटर्स की संख्या पुरुष से 18.76 लाख कम,
मध्यप्रदेश में कुल मतदाताओं की संख्या 5 करोड़ 43 लाख 77 हजार 95 है।
इसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 2 करोड़ 81 लाख 26 हजार 191 तथा
महिला मतदाताओं की संख्या 2 करोड़ 62 लाख 49 हजार 578 है,
जबकि थर्ड जेंडर 1326 हैं।
इस तरह देखा जाए तो प्रदेश में पुरुष मतदाताओं के मुकाबले
महिला मतदाताओं की संख्या 18 लाख 76 हजार 613 कम है।