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सेमरिया विधानसभा 2008 में अस्तित्व में आया। यहां के पहले विधायक भारतीय जनता पार्टी से अभय मिश्रा जी थे। यहां अभी तक कांग्रेस या किसी अन्य पार्टी का खाता नहीं खुला है। सेमरिया विधानसभा में 2008 में अभय मिश्रा विधायक चुने गए।

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2015 में यह सीट महिलाओं के लिए आरक्षित कर दी गई, जिसमें भारतीय जनता पार्टी से नीलम अभय मिश्रा विधायक चुनी गईं। 2018 में भी यहां भारतीय जनता पार्टी के विधायक केपी त्रिपाठी जी रहें। अब सवाल है कि आखिर इस बार जनता के दिल में कौन है? सूत्रों के अनुसार इस बार जनता बदलाव चाहती है। तो बदलाव में कांग्रेस या फिर अन्य पार्टी यह तो चुनाव के बाद ही साफ होगा।

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कांग्रेस नेता अभय मिश्रा के टिकट से प्यार

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कांग्रेस नेता अभय मिश्रा टिकट के लिए दलबदलू हुए, जो पहले भाजपा में थे जब उन्हें 2018 में टिकट नहीं दिया गया तो वे कांग्रेस में शामिल हुए। 2023 के चुनाव में भी ये टिकट के लिए बागी हुए और कांग्रेस से बगाबत कर बीजेपी में शामिल हुए, जब वहां से भी टिकट के आसार नजर नहीं आए तो फिर से कांग्रेस में शामिल हुए।

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बड़ा सवाल यह है कि जिसका नाम टिकट की लिस्ट में नहीं था उसे रातों रात कांग्रेस पार्टी ने किस आधार पर टिकट दिया है ? जबकि विधानसभा सेमरिया में लालमणि पाण्डेय (सर्वे रिपोर्ट में प्रथम स्थान, वरिष्ठ कांग्रेस नेता), त्रियुगी नारायण शुक्ल ‘भगत’ (पूर्व कांग्रेस प्रत्याशी) सहित अन्य नेताओं का जनाधार अच्छा था तो पार्टी से बगावत करने वाले अभय मिश्रा को ही टिकट क्यों ?

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सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जनता यह भी कह रही है कि विधानसभा सेमरिया की सीट अभय मिश्रा ने खरीदी है ! कांग्रेस पार्टी ने कहा था कि टिकटों का वितरण सर्वे रिपोर्ट के अनुसार होगा, जिस नेता का जनाधार अच्छा होगा उसे टिकट दिया जाएगा। तो पार्टी से बगावत करने वाले अभय मिश्रा को ही टिकटें क्यों ? अब इस बात का चुनाव में कितना असर होगा यह तो चुनाव के बाद ही पता चलेगा।

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वर्तमान विधायक के. पी. त्रिपाठी जी का जनाधार

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के.पी. त्रिपाठी अपने कार्यशैली के लेकर हमेशा में हमेशा सुर्खियों में रहते हैं। चाहें वो सीईओ के ऊपर हमला करवाना हो हो या विराट 24 के चैनल हेड् को धमकी देना हो या फिर किसी गरीब किसान की फसल को बर्बाद करवा देना हो।

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निवर्तमान विधायक के पी त्रिपाठी जी के गुंडाराज से त्रस्त होकर अब पार्टी के कार्यकर्ताओं ने पार्टी को छोड़ना शुरू कर दिया है। सूत्रों की मानें तो जनता निवर्तमान विधायक जी के कार्यों से संतुष्ट नहीं हैं। आख़िर किस आधार पर विधायक जी जानता से वोट मागेंगे ?


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